दिल्ली / जम्मू: भारत सरकार सुरक्षा के नाम पर फिजूलखर्ची और स्टेटस सिम्बल के लिए अब सुरक्षा व्यवस्था नहीं उपलब्ध कराएगी। इनके स्थान पर जरूरतमंद, नेताओं और अधिकारियों को ही उनके जोखिम को देखते हुए सुरक्षा मुहैया होगी। इसकी शुरुआत जम्मू -कश्मीर से हो गई है। इसके अलावा देश के कई राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था पर होने वाले अनावश्यक खर्चो पर भी लग़ाम लगाने के निर्देश दिए गए है।
सूत्र बताते है कि देश के कई राज्यों में VIP सुरक्षा के बढ़ते क्रेज़ के चलते भारी -भरकम अपव्यय हो रहा है। सरकार की मंशा जरूरतमंद और जोखिम वाले नेताओं और अधिकारियो को समुचित सुरक्षा प्रदान करना है। इसके चलते एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुरक्षा ऑडिट कर केंद्र सरकार ने तमाम राज्यों में कुपात्रों को उपलब्ध कराई गई सुरक्षा पर होने वाले खर्चो का ब्यौरा तैयार किया है। ऐसे कई प्रकरणों में राज्यों और उसके अफसरों को तलब भी किया जा रहा है।
केंद्र की पहल पर जम्मू-कश्मीर में राजनेताओं, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और सेवारत/सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और जम्मू-कश्मीर कैडर पुलिस और सिविल अधिकारियों से अतिरिक्त सुरक्षा वापस ले ली गई है। कई लोगो की सुरक्षा घटाई और बढ़ाई भी गई है। कई ऐसे लोगो की सुरक्षा भी हटाई गई जिन्होंने पूरवर्ती सरकारों से अच्छे संबंधो के चलते अनावश्यक सुरक्षा प्राप्त कर ली थी। खासतौर पर स्टेटस सिम्बल के लिए सरकार की सुरक्षा व्यवस्था अब प्राप्त नहीं होगी। सूत्रों के मुताबिक एक सुरक्षा ऑडिट के बाद यह निर्णय लिया गया है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि कई राज्यों में ‘वाई’ श्रेणी में आने वालों को ‘जेड’ श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया गया था। जबकि ‘जेड’ श्रेणी के लोगों को ‘जेड प्लस’ श्रेणी का कवर मिला हुआ था। बताया जाता है कि अब यह असमानता दूर हो गई है। इसका सबसे ज्यादा असर जम्मू -कश्मीर में पड़ा है। यहाँ 20 राजनेताओं के निजी सुरक्षा अधिकारियों, पीएसओ की वापसी के अलावा, पूर्व डीजीपी एसपी वैद के दो अतिरिक्त पीएसओ और पूर्व एडीजीपी मुनीर अहमद खान के तीन अतिरिक्त पीएसओ भी वापस बुला लिया गया हैं। सुरक्षा मुख्यालय से भी सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के एसपीओ, जिनके पास अतिरिक्त पीएसओ थे, उनकी भी वापसी हो गई है।
न्यूज़ टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक सेवानिवृत्त आईजीपी मुबारक अहमद गनी, रौफ-उल-हसन, ए.एस. बाली, मोहम्मद अमीन अंजुम, गुलाम हसन भट, मोहम्मद अमीन शाह, जगजीत कुमार, जावेद अहमद मखदूमी और शमास अहमद खान, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुजफ्फर हुसैन अत्तर व पूर्व वरिष्ठ अतिरिक्त मताधिवक्ता बशीर अहमद डार समेत अनेक अधिकारियों की सुरक्षा घटा दी गई है। कई राजनैतिक दलों के नेताओं खासतौर पर नेशनल कान्फ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी, बीजेपी, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अनेक नेताओं की भी अतिरिक्त सुरक्षा हटा गई है। अब अन्य राज्यों से भी इसी तर्ज पर कार्यवाही की खबरें मिल रही है।