NEWS TODAY CG : मुश्किल में सौम्या चौरसिया, कोल खनन परिवहन घोटाले में पहले दौर की बहस ख़त्म, अगली सुनवाई 4 अप्रैल को ‘जेल या बेल’ पर होगा फैसला

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बिलासपुर /रायपुर /दिल्ली : छत्तीसगढ़ के बहु चर्चित कोल खनन परिवहन घोटाले में बचाव पक्ष और ED के बीच हाई कोर्ट बिलासपुर में हुई धुआँधार बहस चर्चा में है। इससे राजनैतिक गलियारों में भी सरगर्मियां तेज हो गई है, बताते है कि ED की दलीलों के बाद उन अफसरों की भी मुश्किल बढ़ सकती है, जिनका नाम कोल खनन परिवहन घोटाले की चार्जशीट में शामिल है। बताते है कि सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट में ED की दलीलों का एक हिस्सा पूरा हो चूका है। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। 

बिलासपुर में हाई कोर्ट के गलियारों में दिन भर गहमा-गहमी रही। अदालत में करीब सवा घंटे की कार्यवाही में ED की ओर से जोरदार दलीलें दी गई। इसमें सौम्या चौरसिया की जमानत रद्द किए जाने की मांग को लेकर ED ने कई ऐसे डिजिटल साक्ष्य पेश किये, जिससे पता पड़ता है कि राज्य में कोल खनन परिवहन घोटाले में शीर्ष संवैधानिक शक्तियों का उपयोग हो रहा था।  

बताते है कि कोल खनन घोटाले में मौजूदा जांच और भविष्य की विवेचना को लेकर आरोपियों द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ और जाँच प्रभावित किये जाने के मामलो को लेकर ED द्वारा अपना तर्क दिया गया। ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के राजू ने बहस की थी। जबकि अभियुक्त सौम्या चौरसिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की। शुक्रवार को अदालत में एक बार फिर ED और बचाव पक्ष के बीच सौम्या की जमानत को लेकर तीखी टीका टिप्पणी हुई।  

जानकारी के मुताबिक बहस शुरू होते ही ED की ओर से पेश दलीलों में कोल खनन परिवहन घोटाले को अंजाम दिए जाने के तौर तरीको पर सिलसिलेवार आपराधिक कृत्य अदालत की संज्ञान में लाया गया। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की जमानत स्वीकृत किये जाने की  दलीलों को लेकर ED की ओर से आपत्ति जाहिर की गई। अतिरिक्त सॉलिसिटर के राजू ने अदालत को बताया कि सौम्या और उसके साथियो द्वारा  सरकारी मशीनरी जाम कर बड़े ही सुनियोजित ढंग से रोजाना करोडो की ब्लैक मनी इकठ्ठा की जा रही थी। 

ED ने अदालत को बताया कि सौम्या चौरसिया शीर्ष संवैधानिक शक्तियों का उपयोग पूर्व निर्धारित गैर क़ानूनी कार्यो के लिए कर रही थी। इससे इकठ्ठा होने वाली ब्लैक मनी को विभिन्न ठिकानो पर भेजा जाता था। ED ने इसके समुचित साक्ष्य भी अदालत में पेश किये। ED ने बताया कि एक महिला के जरिये सौम्या चौरसिया आये दिन करोडो का सोना ख़रीदा करती थी। इस रकम को नगद में निवेश किया जाता था। एजेंसियों ने बाकायदा सोने की खरीद फरोख्त का ब्यौरा भी पेश किया।   

कोल खनन परिवहन घोटाले को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय सेवाओं के कई अधिकारियो की भूमिका से भी अदालत को ED ने रूबरू कराया। उसने DIG पारुल माथुर का नाम लेते हुए चार्जशीट में नामजद अन्य IPS अधिकारियो के कारनामे भी अदालत को बताये। ED ने बताया कि भिलाई के सूर्या रेसीडेंसी में सौम्या चौरसिया ने अपने घर के करीब (सामने) एक फ़्लैट मनीष उपाध्याय नामक व्यक्ति को उपलब्ध कराया था। उसके मुताबिक  इस फ़्लैट में लेव्ही वसूली और उगाही की रकम इकठ्ठा होती थी। फिर यहां से सौम्या और सूर्यकान्त तिवारी अपने सहयोगी मनीष उपाध्याय के जरिये उसे ठिकाने लगाते थे। 

ED ने ब्लैक मनी से जुडी कई चैट और उससे जुड़े दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि मनीष उपाध्याय ब्लैक मनी ठिकाने लगाने के लिए कैश डिलेवरीमैन की तर्ज पर कार्य करता था। ED ने मनीष उपाध्याय, सौम्या चौरसिया और सूर्यकान्त तिवारी, तीनो के गैरक़ानूनी कार्यो से अदालत को रूबरू कराया। फ़िलहाल, मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।