जयपुर:- संत आसाराम का दावा है कि वो निर्दोष हैं उन्हें पुलिस ने फंसाया है। अदालत में उनकी याचिका के बाद एक आइपीएस अफसर को कोर्ट ने तलब किया है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के मामले में संत आसाराम बापू की दोष सिद्ध को चुनौती देने वाली एक अपील के बाद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी को तलब किया है। आसाराम ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पीड़िता को पुलिस ने सिखाया पढ़ाया था।
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इसी आधार पर वो पुलिस के कहने पर ही वह बयान दे रही है। न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी को अपने साक्ष्य दर्ज करने के लिए तलब किया है। जयपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय पाल लांबा को अब सात मार्च को अदालत के गवाह के रूप में पेश होने के लिए कहा गया है।
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निचली अदालत ने जोधपुर के एक आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ 2013 में दुष्कर्म करने के आरोप में आसाराम को 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आसाराम के वकीलों की ओर से दायर एक याचिका के मुताबिक हो सकता है कि आईपीएस अधिकारी द्वारा की गई वीडियो रिकॉर्डिंग ने किशोरी की गवाही को प्रभावित किया हो।
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आसाराम ने दलील दी है कि कथित अपराध स्थल- आसाराम के निजी क्वार्टर, ‘कुटिया’ का पीड़िता का ग्राफिक विवरण आईपीएस अधिकारी द्वारा उस जगह की उस समय की वीडियो रिकॉर्डिंग से प्रभावित हो सकता है, जब वह जोधपुर में कार्यरत थे।