संभल: Sambhal Violence: तुर्क और पठान बिरादरी के नेताओं के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में भी संभल बवाल के कारण तलाशे जा रहे हैं। पुलिस ने भी दावा भी किया है कि दो बड़े नेताओं के भड़काने पर ही बवाल हुआ है। केस में दोनों को नामजद भी किया गया है। संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महबूब के परिवारों के बीच लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व की जंग है।
बर्क तुर्क बिरादरी से हैं और इकबाल महमूद पठान हैं। संभल में दोनों अपना-अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं। सोशल मीडिया और शहर के कुछ हलकों में भी चर्चा है कि पथराव करने वालों को दूसरे मोहल्ले से बुलाया गया था, जबकि मरने वाले सभी जामा मस्जिद के आसपास के ही रहने वाले हैं। सपा सांसद ने बयान दिया था कि मस्जिद को बचाना है। इसके बाद ही भीड़ इकट्ठा हुई थी। संभल के डीएम ने भी अपने बयान में यही कहा है कि सर्वे पूरी तरह से शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। इसकी जानकारी लोगों को दी गई थी। बावजूद इसके भीड़ को उकसाया गया और पथराव कर दिया गया।
इस बीच बवाल के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ से हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि आकलन के बाद नुकसान की भरपाई उपद्रवियों और मुचलकों में पाबंद लोगों से जाएगी। पुलिस सभी वीडियो और फुटेज की बारीकी से जांच कर एक-एक उपद्रवी को चिह्नित कर रही है। बवाल के दौरान जामा मस्जिद की छत से बनाया गया वीडियो भी पुलिस के पास है, जिसमें उपद्रवियों के चेहरे स्पष्ट दिख रहे हैं। 48 घंटे तक आरोपियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जाएगा।
संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए रविवार सुबह सात बजे कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो संभल में बवाल हो गया। अचानक टीम के पहुंचने की सूचना पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने चंदौसी के सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी।
Sambhal Violence: इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर पांच लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। संभल के जिला अधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने एक अधिसूचना जारी कर किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जन प्रतिनिधि को अधिकारियों के आदेश के बिना संभल में प्रवेश करने पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी है।
सर्वे टीम कोर्ट कमिश्नर चंदौसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह राघव की अगुवाई में आई थी। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भी टीम के साथ थे। बाहर हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाकर सर्वे टीम को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला।
पुलिस के आक्रमक होते ही उपद्रवी भागने लगे, लेकिन कुछ देर बाद भीड़ फिर जुट गई और पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान छतों से फायरिंग होने लगी। मौके पर पहुंची अन्य जिलों की पुलिस और पीएसी के साथ अधिकारियों ने उपद्रव करती भीड़ से मोर्चा लिया। इसके बावजूद करीब डेढ़ घंटे हालात बेकाबू रहे।