नई दिल्ली। जानलेवा महामारी कोरोना के वैक्सीन का परीक्षण अब अंतिम दौर में है। सभी देशों के वैज्ञानिक अपनी-अपनी वैक्सीन को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं। इस बीच रूस ने दावा किया है कि अंतरिम परीक्षण परिणामों के हिसाब से Sputnik V वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 92 प्रतिशत तक प्रभावी है। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में तैयार दो टीकों को प्रभावी और कारगर होने की जानकारी दी थी। दावा किया जा रहा है कि रूस में तीसरे टीके पर भी काम चल रहा है। हालांकि पुतिन ने टीके को लेकर राजनीति नहीं करने का सुझाव दिया है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, ‘‘हमारे पास रूस में दो पंजीकृत टीके हैं और परीक्षण पहले ही पुष्टि कर चुके हैं कि टीके सुरक्षित हैं तथा इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं है और ये प्रभावी हैं। तीसरा टीका भी आने वाला है।’’
कुछ दिनों पहले ही अमेरिका की जानी मानी कंपनी फाइजर ने दावा किया था कि उसके द्वारा बनाया गया टीका कोरोना संक्रमण के खिलाफ 90 फीसदी तक कारगर है। अमेरिकी कंपनी के दावे के बाद दुनियाभर में उम्मीद जगी थी। अब रूस के दावे के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2021 के फरवरी-मार्च तक वैश्विक स्तर पर कोरोना के खिलाफ टीके उपलब्ध होंगे।
इधर भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही कहा है कि कोविड-19 टीका उपलब्ध कराने को लेकर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सभी घरेलू और विदेशी टीका निर्माताओं के साथ बातचीत चल रही है। हैदराबाद स्थित कंपनी में भी टीके का अंतिम दौर का परीक्षण जारी है। हालांकि भारत को इससे कोई दिक्कत नहीं कि टीका किस देश से उपलब्ध हो पाता है। बल्कि जल्दी से जल्दी देश की बड़ी आबादी को टीका मुहैया कराना प्राथमिकता होगी। बहरहाल रूस का दावा अगर सच निकलता है तो दुनियाभर के देशों को कोरोना महामारी से निजात मिल सकेगी।