राजनांदगांव / छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में कलेक्टर जयप्रकाश मोर्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर तब्लिग जमात से जुड़े मामले को स्पष्ट किया है, उन्होंने बताया कि तबलीग जमात के प्रमुखों के साथ बैठक करके 1 मार्च के बाद राजनांदगांव लौटने वालों की संपूर्ण जानकारी ले ली गई है। प्रशासन के द्वारा मांगी गई सभी जानकारी को समाज के प्रमुखों ने उपलब्ध करा दी है। राज्य सरकार ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल तबलीग जमात के लोगों के छत्तीसगढ़ में आने की जानकारी एकत्रित करने बावत सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया था,
जिसके तहत राजनंदगांव जिला प्रशासन ने भी जिले में जमात से जुड़े लोगों को मरकज में शामिल होने की जानकारी देने की अपील की, साथ ही एक आदेश निकालकर जानकारी छुपाने वालों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की बात कही। इसके बाद कलेक्टर के साथ समाज के प्रमुखों की बैठक हुई। समाज प्रमुखों ने समाज से जुड़े परिवारों की जानकारी प्रशासन को दी और प्रशासन ने समाज के सभी घरों में तस्दीक करा कर उनसे प्रमाणित दस्तावेज लिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर जयप्रकाश मोर्य ने कहा कि जिले में तबलीग जमात से जुड़े 92 परिवार निवासरत हैं। जिसमें 469 सदस्य हैं, वही जमात से जुड़े 31 सदस्य 1 मार्च के बाद राजनंदगांव लौटे हैं। इनमें ज्यादातर छात्र है जो मुंबई से लौटे हैं,
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कलेक्टर ने कहा कि तबलीग जमात के मामले को लेकर कुछ गांव में तनाव की स्थिति बन रही थी। जिसे देखते हुए समाज के लोगों ने सहयोग किया और सभी जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराई है। कलेक्टर ने कहा कि जमात के संबंध में कोई अफवाह फैलायेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी । इस मामले को लेकर प्रशासन ने सभी जमातियों से जुडी़ जानकारी जुटा ली है। जमातियों ने जानकारी दी है कि उनके घर पर कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं ठहरा है , और इसका स्वप्रमाणित दस्तावेज भी उन्होंने प्रशासन को दे दिया है। वहीं प्रशासन ने भी जमातियों को चेताया है कि गलत जानकारी देने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।