सिंगल नाम वाले फार्मूले से कांग्रेस में बवाल , कई दावेदारों ने अंदेशा जाहिर किया है कि इस फार्मूले से जमीनी कार्यकर्ताओं के बजाए हवा-हवाई दावेदारों को मिलेगा मौका |  

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रायपुर / रायपुर में नगर निगम चुनाव को लेकर सरगर्मियां काफी तेज है | बीजेपी में जहां प्रत्याशी चयन को लेकर शांति छाई हुई है , वही कांग्रेस के भीतर खाने में बवाल मचा है | कई दावेदार प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है | उनकी दलील है कि सिंगल नाम तय कर ऊपर भेजने से कई ऐसे दावेदारों को टिकट मिलने की संभावना है जिनका कोई जमीनी वजूद नहीं है | उनके मुताबिक तिकड़म कर कई दावेदार सिंगल नाम वाली सूची में जिस तरह से अपना नाम दर्ज करवा रहे है , उससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है | उन्हें इस बात का भी अंदेशा है कि जमीनी कार्यकर्ताओं के बजाए हवा-हवाई प्रत्याशियों को मौका देने से दवेदारों में बगावत भी हो सकती है | कई दावेदारों ने मांग की है कि सिंगल नाम तय करने वाले फार्मूले को रद्द कर सामूहिक सहमति पर जोर दे या फिर कोई नै प्रक्रिया अपनाये | इससे कांग्रेस को फायदा होगा |   

रायपुर नगर निगम की 70 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की सूचि लगभग तैयार हो गई है| शहर की 48 सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिया गया हैं | जबकि 22 सीटों पर नामों का पैनल पीसीसी को भेजा जायगा | वहां अंतिम दौर की बैठक के बाद प्रत्याशियों की घोषणा 3-4 तारीख तक कर दी जाएगी |  प्रत्याशी चयन के लिए प्रदेश के लगभग सभी जिलों में रविवार को बैठक कर ली गई है |  जबकि कुछ जिलों मे आज अंतिम बैठक होगी | 

पीसीसी के निर्देश के मुताबिक सभी जिलों से अधिकांश कुछ जगह संगठन की उपेक्षा बताया गया है कि कुछ निकायों में संगठन की रिपोर्ट को दरकिनार कर विधायक और बड़े नेता अपने हिसाब से प्रत्याशियों के नाम तय कर रहे हैं | जबकि संगठन के नेता सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जीत  सकने वाले प्रत्याशियों के नाम तय कर रहे हैं | पीसीसी ने स्पष्ट कहा है की जिलों से आए नामों पर भी ब्लॉक के नामों को देखकर ही अंतिम फैसला किया जायेगा|