RTI एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला एवं बीजेपी नेता गौरीशंकर पर FIR दर्ज , वारंटी को थाने से छोड़ने महिला TI को धमकाने का आरोप, महिला TI ने दर्ज कराया मामला , आरोपी कुणाल शुक्ला और गौरीशंकर श्रीवास का दावा – दर्ज की गई फर्जी FIR 

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रायपुर /  कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कबीर शोध पीठ के अध्यक्ष बनाए गए आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला और भाजपा प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास के खिलाफ राजधानी रायपुर के डीडी नगर थाना में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है |  दोनों के खिलाफ टीआई मंजूलता राठौर ने शिकायत दर्ज कराई है, दोनों पर टीआई को धमकाने का आरोप है | प्रकरण में धारा 353 , 189 और 506 के तहत अपराध दर्ज किया गया है |  

टीआई मंजूलता राठौर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में उन्होंने कहा है, “6 फरवरी की रात को स्थाई वारंटी चंगोराभाठा निवासी रितेश ठाकुर को गिरफ्तार करके थाना लाया गया था. रात्रि करीबन 21.30 बजे कुणाल शुक्ला और गौरी शंकर श्रीवास थाने पहुंचे और मेरे कक्ष में आए तेज लहजे में गिरफ्तार वांरटी रितेश ठाकुर को छोड़ने के लिए दबाव बनाने लगे. दोनों व्यक्ति मुझे मेरे चेम्बर के टेबल को ठोक कर आप वांरटी रितेश ठाकुर को छोड़ दीजिये, नहीं तो आपको नौकरी से हटवा कर आपकी नौकरी खा जायेंगे व आपका नुकसान कर आपके विभाग मे आपकी  छवि खराब कर देंगे. कहकर धमकी दिये व मुझ पर हमला करने आमदा हो गये एवं  हम क्या करेंगे आप जानती नहीं हो कहकर भी धमकी दिये.” मंजूलता राठौर ने डीडीनगर थाना में यह एफआईआर 8 फरवरी को दर्ज कराई है. जबकि एफआईआर में उन्होंने घटना 6 फरवरी की बताई है.

इधर इस मामले में आरोपी बनाए गए केटीयू के कबीर शोध पीठ के अध्यक्ष कुणाल शुक्ला ने टीआई द्वारा दो दिन बाद एफआईआर कराने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, “सत्य परेशान जरूर हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता. थाना प्रभारी का आरोप है कि हमने दुर्व्यवहार किया है तो कृपया उस दुर्व्यवहार का वह वीडियो दिखाएं और मुझे पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता और मीडिया जानती है. किसी भी शासकीय सेवक से इस तरह का दुर्व्यवहार मैंने आज तक नहीं किया है. अगर ये इतनी निंदनीय घटना थी तो 2 दिन बाद एफआईआर दर्ज करने का क्या मतलब होता है. यह बहुत ही हास्य का विषय है. पूर्व में भी मेरे खिलाफ इस तरह की फर्जी एफआईआर की गई है.”

वहीं इस मामले में आरोपी बनाए गए भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा, “मैं अपने परिचित कुणाल शुक्ला के साथ गया हुआ था. हमारे परिचित के व्यक्ति को थाने में बैठा लिया गया था. थाने में किसी प्रकार की कोई ऐसी घटना नहीं घटी है. शासन और पुलिस प्रशासन के टारगेट में मैं पहले से रहा हूं. मेरे खिलाफ पूर्व में भी दो बार एफआईआर दर्ज कर फर्जी मामला बनाया गया है. लगातार मैं सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से बातें रख रहा हूं. उससे सरकार डरी हुई है और इसीलिए इस प्रकार की दमन पूर्वक कार्रवाई की गई है. अब जो भी है इसका सामना न्यायालय में विधि सम्मत किया जाएगा. लेकिन प्रदेश के युवाओं की आवाज को डराने का धमकाने का बहुत ही निचले स्तर की राजनीति का परिचय यहां शासन ने दिया है.”