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Swiggy में 33 करोड़ रुपये की चोरी, पूर्व कर्मचारी पर लगा आरोप, IPO से पहले कंपनी को झटका

नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विगी को तगड़ा झटका लगा है। कंपनी के 33 करोड़ रुपये चोरी हो गए हैं। इसके लिए स्विगी ने अपने पूर्व जूनियर कर्मचारी पर इस रकम को चुराने का आरोप लगाया है। बेंगलुरु स्थित फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपनी सालाना रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। स्विगी ने कथित तौर पर इस मामले की जांच के लिए एक ‘बाहरी टीम’ को नियुक्त किया है। कंपनी ने अपने पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज कराई है। स्विगी को यह झटका ऐसे समय लगा है जब कंपनी जोर-शोर से अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है।

अपने रिपोर्ट में स्विगी ने कहा कि ग्रुप को चालू वर्ष के दौरान अपनी एक सब्सडियरी कंपनी में करीब 32.67 करोड़ रुपये के गबन का पता चला। रिपोर्ट के मुताबिक जांच के दौरान मिले तथ्यों की समीक्षा करने पर पता चला कि ग्रुप ने 31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दौरान उक्त राशि को एक खर्चे के रूप में दर्ज किया है। कंपनी ने कहा कि इस रकम को एक पूर्व जूनियर कर्मचारी ने पिछले सालों में गबन किया है। स्विगी ने इसके अलावा कथित गबन से संबंधित किसी अन्य विवरण का उल्लेख नहीं किया।

स्विगी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 36 फीसदी बढ़कर 11247 करोड़ रुपये हो गया। वहीं कंपनी के घाटे में भी 44 फीसदी की कमी आई है। कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 में उसका घाटा 4179 करोड़ रुपये से घटकर इस साल 2350 करोड़ रुपये रह गया है।

स्विगी इस समय अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है। कंपनी आईपीओ के जरिए 10,414 करोड़ रुपये जुटाएगी। कंपनी को इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। कंपनी की योजना नए इक्विटी शेयर जारी कर 3750 करोड़ रुपये जुटाने की है। कंपनी इसके अलावा 6664 करोड़ रुपये का बिक्री पेशकश (OFS) भी लाएगी। कंपनी आईपीओ से पहले एंकर निवेशकों से 750 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।

पिछले महीने स्विगी और उसके प्रतिद्वंद्वी जोमैटो ने कथित तौर पर बेंगलुरु और दिल्ली सहित कुछ बाजारों में अपने प्लेटफॉर्म शुल्क को बढ़ाकर 6 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है। पहले यह शुल्क 5 रुपये था। दोनों कंपनियों ने साल 2023 में 2 रुपये प्रति ऑर्डर के साथ प्लेटफॉर्म शुल्क लेना शुरू किया था। अप्रैल में जोमैटो ने प्रमुख बाजारों में अपना शुल्क बढ़ाकर 5 रुपये कर दिया था।

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