उत्तरप्रदेश में हाथरस की घटना को लेकर दंगे भड़काने की तैयारी में बदमाश नेता, जांच एजेंसियों के मिले साजिश के अहम सबूत, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन, आडियो टेप में कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही कुछ पत्रकारों की भी आवाज, पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का लालच

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लखनऊ / हाथरस मामले में राज्य सरकार और प्रशासन के रुख को लेकर जहाँ बवाल मचा हुआ है वही जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग मिले हैं | इसमें हाथरस के बहाने योगी सरकार को बदनाम करने और दंगे भड़काने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी | हालांकि योगी सरकार की सतर्कता के चलते राज्य में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है | खबर ये भी है कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश सुनियोजित रूप से की गई थी | इसके अलावा दंगे भड़काने के लिए अफवाहों और फर्जी सूचनाओं का सहारा लिया गया था, यही नहीं, सोशल मीडिया का भी दुरूपयोग हुआ | साजिश के प्रमाण मिलने पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया है |

बताया जा रहा है कि यूपी समेत आसपास के प्रदेशों में अराजकता फैलाने के लिये फंडिंग भी की गई थी | इस पूरी साजिश में पीएफआई, एसडीपीआई और सरकार के निशाने पर रहे माफियाओं की मिलीभगत के ठोस सुराग मिले हैं. उत्तर प्रदेश में अराजकता पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग के सबूत जाँच एजेंसियों को मिले है | इस साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका भी सामने आई है | इसके भी सबूत मिले है | उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने, उपद्रवियों से वसूली कराए जाने और घरों की कुर्की कराने जाने की सीएम योगी की सख्त कार्रवाइयों से परेशान तत्वों ने ये पूरी योजना बनाई थी कि हाथरस की घटना को दंगों में तब्दील किया जाये |

इसके लिए सोशल मीडिया के जरिये नफरत फैलाई गई | हाथरस घटना से जुड़ी खबरें जैसे पीड़ित लड़की की जीभ काटे जाने, अंग भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर नफरत की आग भड़काने की कोशिश की गई थी | यही नहीं, अफवाह फैलाने के लिए ढेरों वैरिफाइड सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया | फिलहाल जांच एजेसियां वैरिफाइड एकाउंट का ब्यौरा तैयार करने में जुटीं हैं |

इस मामले में अफवाहें फैलाने और नफरत पैदा करने के लिए चंडीगढ की घटना की मृतका की तस्वीरें, हाथरस की बेटी की बता कर वायरल की गई | चंडीगढ़ में भी पीड़ित परिवार ने उनकी बेटी की फोटो इस्तेमाल करने को लेकर स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है | दरअसल एक चैनल के स्क्रीन शाट में छेड़छाड़ करके नफरत भरे पोस्टर तैयार किए गए, इस पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है | दंगे भड़काने की साजिश के लिए तमाम आपत्तिजनक और फोटो शाप्ड तस्वीरों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ | दूसरे राज्यों की शवों की फोटो शाप्ड तस्वीरों को हाथरस की पीड़िता की तस्वीरें बताकर नफरत पैदा करने की कोशिश की गई | यूपी साइबर सेल ने इस पर मामले को लेकर FIR दर्ज की है | पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिये टीमें बनाई गई हैं |

जाँच एजेंसियों को भड़काऊ ऑडियो टेप मिले है | इसमें हाथरस के पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश का भी पर्दाफाश किया गया है | सबूत के तौर पर कई आडियो टेप पुलिस ने अपने कब्जे में लिए है | जांच एजेंसियों ने आडियो टेप का संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है | आडियो टेप में कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही कुछ पत्रकारों की भी आवाज है | यह भी बताया गया कि पीड़ित परिवार को लालच भी दिया गया था | इन आडियो टेप से राज खुला है, कि पीड़ित परिवारों को सरकार के खिलाफ भड़काने के लिए पचास लाख से एक करोड़ तक का लालच दिया गया | साथ ही पीड़ित परिवार को भड़काने के लिए बड़ी फंडिंग हुई |

इस मामले को लेकर एक महिला पत्रकार की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है | आरोप है कि उसने सुनियोजित रूप से लोगों को भड़काया | आडियो टेप से खुलासा से एक खुलासा हुआ है कि एक महिला पत्रकार ने सीएम से पीड़ित परिवार की बातचीत के तुरंत बाद परिवार को भड़काया और कहा कहा कि अगर सीएम की बात मान ली तो पुलिस उल्टे तुम्हें ही अपराधी साबित कर देगी | इस बातचीत के बाद परिवार दहशत में आ गया | जांच एजेंसियां आडियो टेप की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आते ही भड़काने वालों का पालीग्राफ और नार्को टेस्ट करा सकती है |