जाने-माने कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा से लगातार तीसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की। इससे पहले दो दिनों में रॉबर्ट वाड्रा से करीब साढ़े 11 घंटे (पहले दिन छह घंटे और दूसरे दिन साढ़े पांच घंटे) तक पूछताछ हो चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने 2008 के शिकोहपुर भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की। बीते दिन वाड्रा प्रियंका के साथ ईडी मुख्यालय पहुंचे थे। आज भी प्रियंका उनके साथ मौजूद रहीं। पूछताछ के दौरान आज भी प्रियंका ईडी दफ्तर में ही मौजूद रहीं।
पूछताछ के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ‘…मैं सभी सवालों के जवाब दे चुका हूं। 2019 में भी यही सवाल पूछे गए थे। यह कोई नई बात नहीं है। यह इस सरकार का प्रचार करने का तरीका है, उनका दुरुपयोग करने का तरीका है। हमारे पास इसका सामना करने की ताकत है और हम ऐसा करेंगे।’
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ‘यह भाजपा का राजनीतिक प्रचार है कि सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है और मुझे उसी दिन तलब किया गया। इसलिए वे मीडिया के माध्यम से यह दिखा रहे हैं कि हम कुछ गलत कर रहे हैं। जनता जागरूक है, वे सब कुछ जानती और समझती है। ऐसी बातों का कोई मतलब नहीं होता, इससे हम और मजबूत होते हैं। इससे कोई नतीजा नहीं निकलेगा, क्योंकि इसमें कुछ है ही नहीं। अगर वे कुछ गलत करके दिखाना या करना चाहते हैं, तो मैं इसे नियंत्रित नहीं कर पाऊंगा, लेकिन सच्चाई यह है कि उनके पास कुछ भी नहीं है।’
गुरुग्राम भूमि मामले में ईडी की ओर से उन्हें भेजे गए समन और पूछताछ पर वाड्रा ने कहा, ‘अगर मैं राजनीति में आता, जो कि सभी चाहते हैं, तो वे (भाजपा) या तो वंशवाद की बात करेंगे या ईडी का दुरुपयोग करेंगे। यह मुश्किल तब शुरू हुई, जब कुछ दिन पहले मैंने अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के बारे में सोशल मीडिया पर संदेश दिया। यह और कुछ नहीं है। जब से मैंने कहा कि लोग चाहते हैं कि मैं राजनीति में आऊं, तब से यह मुश्किल शुरू हो गई, लेकिन ईडी के समन का कोई आधार नहीं है।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे राजनीति में आएंगे? तो कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ‘निश्चित रूप से अगर लोग चाहेंगे, तो मैं अपने परिवार के आशीर्वाद के साथ इसमें शामिल होऊंगा। मैं कांग्रेस के लिए कड़ी मेहनत करूंगा। यह जारी रहेगा, क्योंकि हम आंदोलन करते हैं, हम लोगों के लिए लड़ते हैं, हम अन्याय के खिलाफ हैं।’
फरवरी 2008 का यह भूमि सौदा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने किया था। वाड्रा पहले इस कंपनी के निदेशक थे। इसने शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक एक फर्म से 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। उस समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। चार साल बाद, सितंबर 2012 में, कंपनी ने यह 3.53 एकड़ जमीन रियल्टी प्रमुख डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।