भोपाल / मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए जहरीली शराब कांड के बाद अब राज्य सरकार ने अजीबो-गरीब फैसले की ओर अपने कदम बढ़ाये है | शिवराज सिंह चौहान सरकार , राज्य में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आबकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक की है | इस बैठक में अवैध शराब से निजात पाने के लिए अधिकारियों ने शराब की दुकानें बढ़ाने का सुझाव दिया है। यह सुझाव भले ही सरकार के गले उतर रहा हो , लेकिन शराब को बढ़ावा देने की नीति को लेकर सामाजिक संगठनों ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है |
आबकारी विभाग के अफसरों ने सरकार को यह तर्क दिया है कि राजस्थान में एक लाख की आबादी पर 17, महाराष्ट्र में 21 और उत्तर प्रदेश में 12 दुकानें हैं, जबकि मध्यप्रदेश में यह संख्या सिर्फ चार है। इसलिए प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ानी चाहिए। बताया जा रहा है कि मुख़्यमंत्री ने इस तर्क को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है | लेकिन इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है | इसकी खबर लगते ही कई सामाजिक संगठनों ने तर्क दिया है कि राज्य में कानून व्यवस्था में सख्ती और अवैध शराब के मामलों में ठोस कार्रवाई और अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के बजाएं राज्य सरकार नशाखोरी को हवा दे रही है |
मुरैना में जहरीली शराब कांड के बाद कलेक्टर-कमिश्नर और आईजी-एसपी के साथ मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की थी। इस दौरान अफसरों ने ये तर्क दिया कि शराब की दुकाने बढ़ाने से प्रदेश में बिगड़ रही स्थिति को कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री और परिवहन से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि अब यदि किसी भी जिले में जहरीली शराब कांड से किसी की मौत हुई तो इसकी जवाबदेही कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी के साथ आबकारी अधिकारी की भी होगी।
उधर मुरैना में जहरीली शराब से मरने वालों का सिलसिला अभी भी जारी है | यहां पर अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जनभर की हालत गंभीर है | मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान रतलाम जिले में अवैध जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई थी।