
मुंबई, 25 सितंबर। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर यूनिक निवेशकों की संख्या 12 करोड़ को पार कर गई है। यह आंकड़ा 23 सितंबर 2025 तक अपडेट किया गया। कुल निवेशक खातों (यूनिक क्लाइंट कोड्स) की संख्या अब 23.5 करोड़ हो गई है, जिसमें सभी ग्राहक पंजीकरण शामिल हैं।
एनएसई के अनुसार, निवेशक कई ट्रेडिंग मेंबर्स (ब्रोकर्स) के साथ रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, इसलिए कुल खाता संख्या हमेशा यूनिक निवेशकों से अधिक रहती है। एनएसई का आंकड़ा बताता है कि आज हर 4 निवेशकों में से एक महिला है, यानी महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है। 12 करोड़ यूनिक निवेशकों की मीडियन उम्र 33 वर्ष है, जबकि 40 प्रतिशत निवेशक 30 वर्ष से कम उम्र के हैं।
एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने कहा कि जनवरी में 11 करोड़ यूनिक निवेशकों के आंकड़े के बाद केवल आठ महीनों में 1 करोड़ और निवेशक जुड़े। इस वृद्धि का श्रेय सुव्यवस्थित केवाईसी प्रक्रिया, निवेशक जागरूकता कार्यक्रम और बढ़ती वित्तीय साक्षरता को दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इक्विटी, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट), सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे निवेश विकल्पों में बढ़ती भागीदारी इस रुझान को स्पष्ट करती है।
एनएसई के इतिहास में, पंजीकृत निवेशक आधार 1 करोड़ तक पहुँचने में 14 साल लगे थे, जबकि उसके बाद तेजी से वृद्धि हुई। मार्च 2021 में 4 करोड़ निवेशक पूरे होने में 25 साल लगे, लेकिन अगले 1 करोड़ निवेशक केवल 6-7 महीनों में जुड़े।
भारत में निवेशकों की तेजी से बढ़ती भागीदारी डिजिटलीकरण, फिनटेक सेवाओं की बेहतर पहुंच, बढ़ता मध्यम वर्ग और सहायक नीतिगत उपायों से प्रेरित है। यह आंकड़ा भारतीय निवेश बाजार के बढ़ते आकर्षण और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।