पेंड्रा / ऋचा जोगी के जाति मामले में छानबीन समिति अपना फैसला आज सुना सकती है। सोमवार को ऋचा जोगी ने जवाब के लिए कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए 10 दिनों का वक्त मांगा था। बता दें ऋचा जोगी ने सोमवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अधिनियम 2013 के संशोधन और जिला समिति के नोटिस को चुनौती दी थी। साथ ही कांग्रेस पर जाति प्रमाणपत्र रद्द करवाकर मरवाही उपचुनाव लडऩे देने से रोकने का आरोप भी लगाया है।
ऋचा जोगी ने अपनी याचिका में बताया है कि उनके पूर्वज 1950 के पहले से ही मुंगेली के पास रहते आ रहे हैं। सारे दस्तावेज में वो गोंड जाति की हैं। उनके पति अमित जोगी और ससुर अजीत जोगी मरवाही से विधायक रहे हैं। ससुर अजीत जोगी के निधन के कारण मरवाही सीट में उप चुनाव होने जा रहे है, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी विद्वेष की भावना से काम कर रही है।
ऋचा जोगी ने आरोप लगाया है कि उनको चुनाव से लडऩे से रोकने की योजना के तहत जिला छानबीन समिति ने नोटिस जारी किया है।
ऋचा जोगी ने अपने जवाब में कहा है कि बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कार्यालय सील है | जिसके चलते मिसल 1940 के मूल दस्तावेज नहीं उपलब्ध हो पाएंगे | इसलिए नियमों के तहत समिति को उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई और वीडियोग्राफी में गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर भी देना चाहिए | उन्होंने ने कहा कि फिर भी ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस जाति प्रमाण पत्र रद्द कर चुनाव लडऩे से रोकना चाहती है।
गौरतलब है कि अजीत जोगी और अमित जोगी का जाति विवाद लंबे समय से चल रहा है | राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है | जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है |