सुशांत सिंह केस में रिया चक्रवर्ती को 4 साल बाद मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, रद्द हुआ…

0
36

टीवी की दुनिया से लेकर कम समय में ही बॉलीवुड की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का शव 2020 में उनके घर में मिला था. उनकी मौत को 4 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी उनके फैंस उनको याद करते हैं. इतना ही नहीं, उनकी मौत के मामले में आज भी सुशांत सिंह का परिवार उनकी गर्लफ्रेंड और एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को ही दोषी ठहराता है. जिन्होंने ड्रेग्स केस में काफी समय जेल में भी बिताया था. इस मामले में उनके भाई शौविक चक्रवर्ती का भी नाम सामने आया था.

इसी बीच केस में एक नया मोड़ सामने आया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को फटकार लगाई है. सीबीआई ने अगस्त 2020 में जांच के दौरान इमीग्रेशन अधिकारियों को रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ (LOC) जारी करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को कायम रखा है.

Railway: इस बार त्योहारों पर नहीं होगी टिकटों की मारामारी, उत्तर रेलवे चलाएगा 3000 से ज्यादा विशेष ट्रेनें

जिस फैसले में रिया के खिलाफ सीबीआई का लुकआउट सर्कुलर (LOC) रद्द कर दिया गया था. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सीबीआई, महाराष्ट्र और इमिग्रेशन ब्यूरो की याचिका को ये कहकर खारिज कर दिया कि ये सिर्फ इसलिए दायर की गई थी, क्योंकि एक आरोपी ‘हाई-प्रोफाइल’ था. जस्टिस गवई ने CBI को चेतावनी देते हुए कहा, ‘हम आपको सावधान कर रहे हैं. आप सिर्फ इसलिए ये मामूली याचिका दायर कर रहे हैं क्योंकि इसमें एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति का नाम शामिल है. ये याचिका खारिज कर दी जाएगी’.

उन्होंने कहा, ‘दोनों व्यक्तियों का समाज पर गहरा असर है’. जब सीबीआई के वकील ने मामला खत्म करने का अनुरोध किया, तो जस्टिस गवई ने कहा, ‘अगर आप चाहते हैं कि हम सीबीआई की तारीफ करें, तो हम इसे जाने देंगे’. बता दें, इससे पहले फरवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिया चक्रवर्ती के परिवार के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द कर दिया था, क्योंकि एजेंसियां इसे जारी करने का ठोस कारण नहीं बता पाई थी. कोर्ट का कहना था कि सिर्फ FIR का उल्लेख या उसका सार बताना एलओसी जारी करने का उचित कारण नहीं हो सकता.