छत्तीसगढ़ में जांजगीर चांपा जिले की एसपी पारुल माथुर के  राजस्व अधिकारी ने बताया कैसे रिश्वत की रकम ऊपर तक पहुंच रही है ? रिश्वतखोरी में थानेदार से लेकर एसपी तक की हिस्सेदारी का किया खुलासा , 20 हजार रूपये लेते कैमरे में कैद हुआ राजस्व अधिकारी , देखे वायरल वीडियो

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रिपोर्टर – केशव बघेल

जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़ में ज्यादातर जिलों के थानों में पुलिस अधीक्षकों ने राजस्व अधिकारियों-निरीक्षकों की तैनाती कर अपनी तिजोरी भरने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी है | मौजूदा दौर में थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को दोहरी जिम्मेदारी निर्वहन करनी पड़ रही है | एक समय वे अपराधों के नियंत्रण और आरोपियों की धर पकड़ में व्यस्त रहते है | जबकि दूसरे दौर में अपराधों की विवेचना के दौरान उन्हें राजस्व अधिकारी की भूमिका निर्वहन करनी होती है | इस दौरान उन्हें वैध-अवैध कार्यों को अंजाम देने के लिए एसपी साहब के राजस्व का ध्यान रखना होता है | बिलासपुर के कांग्रेस विधायक तो इस मामले को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके है | विधायक शैलेश पांडेय ने हाल ही में खुलासा किया था कि प्रत्येक अपराधों और उसकी विवेचना को लेकर पुलिस का रेट फिक्स है | उनके इस प्रमाणिक तजुर्बे पर बिलासपुर रेंज के चांपा जांजगीर जिले की पुलिस अधीक्षक ने अपनी मुहर लगा दी है | दरअसल एसपी पारुल माथुर का एक राजस्व अधिकारी इन दिनों सोशल मीडिया में छाया हुआ है | उसके वायरल वीडियों में साफतौर पर सौदेबाजी सामने आई है |

जिले के कोतवाली में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक आर पी बघेल एक ट्रक मालिक से उसका ट्रक छोड़ने और चालान जल्द पेश करने के लिए 20 हजार रिश्वत की मांग कर रहे है | पुलिस उपनिरीक्षक ने बताया कि रिश्वत की यह रकम उच्च अधिकारियों को चले जाएगी | उनके पास कुछ नहीं बचेगा | एसपी साहब के राजस्व का ध्यान रखते हुए ट्रक मालिक ने एएसआई को पर्याप्त रकम दी और जल्द ट्रक का चालान पेश करने का निवेदन कर रवाना हो गए | हालांकि किसी ने इस घटना को कैमरे में कैद कर लिया | अब यह वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है | उधर वीडियो के वायरल होने के बाद शुरू हुई फेस सेविंग के तहत एसपी पारुल माथुर ने संज्ञान लेते हुए तत्काल एएसआई आर पी बघेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है |

घटना के बारे में बताया जा रहा है कि 12 सितंबर 2019 को जांजगीर में एक ट्रक की चपेट में आने से एक बच्ची घायल हो गयी थी | घटना के बाद माहौल बिगड़ता देख ट्रक चालक ने ट्रक को तुरंत थाने लाकर खड़े कर दिया था | हालांकि मामले में कोई शिकायत नही मिलने पर पुलिस कर्मियों ने ट्रक को छोड़ दिया | लेकिन करीब 20 दिन बाद 4 अक्टूबर 2020 को बच्चे के परिजनो ने अचानक इस मामले को लेकर थाने में एफआईआर दर्ज कराई | इसके बाद पुलिस ने ट्रक को जप्ती कर 23 जनवरी 2021 को थाने में ले आयी | बताया गया कि इस दौरान ट्रक में करीब 12 लाख रुपये का चना दाल भरा हुआ था | इस खाद्यान के ज्यादा समय तक ट्रक में पड़ा रहने से उसके खराब होने का अंदेशा था | लिहाजा ट्रक मालिक ने एएसआई आरपी बघेल से जल्द ट्रक का चालान अदालत में पेश करने का निवेदन किया था | उधर एएसआई ने इस काम के लिए ट्रक मालिक से 20 हजार की मांग की |

इसे लेकर ट्रक मालिक ने 10 हजार रुपये एएसआई आर पी बघेल को सौंप दिए | शेष रकम की अदाएगी के दौरान इस राजस्व अधिकारी की हकीकत कैमरे में कैद हो गई | वायरल वीडियो को देखकर यह स्पष्ट होता है कि राज्य के पुलिस तंत्र में अब राजस्व अधिकारियों के रूप में पुलिस कर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है | तिजोरी भरने के लिए खुलेआम लोगों से रिश्वत की मांग की जाती है | एएसआई आर पी बघेल जिस प्रकार से वीडियो में उच्च अधिकारियों को हिस्सा देने की बात स्वीकार कर रहा है , यह राज्य सरकार के लिए बहुत ही गंभीर मुद्दा है |

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