ट्रिपल मर्डर केस में हुआ खुलासा, परिवार के ही चार लोग निकले हत्यारे, बताई यह वजह

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रायगढ़। जिले में हुए ट्रिपल मर्डर केस में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने परिवार की ही दो महिलाओं सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी युवकों ने जादू-टोने के शक में पहले अपनी नानी को मारा, फिर मां-बाप और पत्नी के साथ मिलकर 10 साल की छोटी बहन और मामा की हत्या कर दी। इसके बाद खून से सने उनके कपड़े भी चूल्हे में जला दिए थे। मामला कापू थाना क्षेत्र का है।

दलअसल, चालहा गांव निवासी दुहनी बाई (65) अपने बेटे अमृत लाल (30) और नतिनी अमृता (10) के साथ तीन-चार दिन पहले महुआ बीनने के लिए आश्रित गांव धवाईडांड गए थे। वहां जंगल में ही महुआ के पेड़ के नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। सुबह जब ग्रामीण उधर से निकले तो तीनों के शव झोपड़ी के बाहर ही पड़े थे। ट्रिपल मर्डर की सूचना पर SP खुद मौके पर पहुंच गए।

पेड़ के पत्तों पर मिले खून के निशान

जांच के दौरान FSL टीम को आसपास की जमीन और पड़ोसी के खेत में लगाए पेड़ के पत्तों पर भी खून के निशान दिखाई दिए। पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि वो खेत चाल्हा उरांवपारा निवासी फूलसाय अगरिया का है। अमृत लाल का साला है और परिवार के साथ रहकर महुआ बीनने का काम वह भी करता है। इस पर पुलिस ने सभी सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ की।

बेटा-बहू को हिरासत में लिया

पुलिस पूछताछ में अलग-अलग बयान के कारण संदेह हुआ और उन्होंने फूलसाय के बेटे विकेश व उसकी बहू कौशल्या को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में विकेश ने पुलिस केा बताया कि पिछले 5-6 साल से धवईडांड के फांदापाली जंगल में वह अपने मामा अमृतलाला के खेत के पास महुआ बीनते आ रहे हैं। इस बार अमृतलाल झाला लगाकर अपनी मां और बेटी के साथ महुआ बीनने आ गया था।

जादू-टोने का था शक

सुखसाय ने अपने अमृतलाल को भी महुआ बीनने के लिए बोल दिया। इस पर दोनों के बीच विवाद हुआ। वहीं विकेश को शक था कि नानी दुहनीबाई जादू-टोना करती है। जिसके कारण पत्नी कौशल्या को बच्चा नहीं हो रहा है और उसकी भी तबीयत खराब रहती थी। बुधवार शाम करीब 6-7 बजे अपने पिता फूलसाय, मां दुनी बाई और पत्नी कौशल्या के साथ झाला में बैठकर खाना बना रहे थे।

इसी दौरान दुहनीबाई अपनी नातिन अमृता को लेकर झाला में घूमने आई। वहां सभी बैठकर घरेलू बातचीत कर रहे थे। तभी दुहनीबाई ने पूछा कि बहू कौशल्या को बच्चा कैसे नहीं हो रहा। इस पर विकेश भड़क गया। गुस्से में बोला कि तुम्हारे कारण नहीं हो रहा है टांगी उठाकर नानी के सिर पर तीन-चार वार कर दिए। अमृता डर से भागी तो उस पर भी टांगी से वार किया और दोनों को मार डाला।

दोनों के शव को लाए और पिता के बगल में लिटा दिया

इसके बाद पिता फूलसाय के साथ अमृतलाल के खेत में पहुंचा तो वह महुआ पीकर लेटा हुआ था। उसी सोती हुई हालत में उस पर टांगी से वार किया। वहीं फूलसाय ने डंडे से उसकी छाती पर मारा। फिर मां-बाप और पत्नी के साथ मिलकर दुहनीबाई और अमृता के शव को लेकर आए और अमृतलाल के बगल में लिटा दिया। अमृता के सिर पर वहीं चूल्हा के पास पड़े पत्थर रख दिए।

वहां से सब लौट आए और मां दुनी बाई और पत्नी कौशल्या ने खून लगे हमारे कपड़े और चटाई को चूल्हे में जला दिया। जबकि टांगी को बोर के पास कीचड़ छिपा कर रख आए। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर टांगी, डंडा और खून से सना पत्थर बरामद कर लिया है। आरोपियों को पुलिस अब कोर्ट में पेश करेगी।