सावधान: जुए की लत पर हुई रिसर्च प्रकाशित, चौंकाते हैं रिसर्च के आंकड़े, बढ़ती उम्र में कम होती है सट्टे की लत, जानकारी और भी है इस खबर में…

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नई दिल्ली:- कोरोना महामारी के दौरान बहुत से लोगों ने ऑनलाइन जुए की ओर रुख किया. हम में से ज्यादातर लोग जुए को मनोरंजन के तौर पर खेलते हैं, जिसका कोई गंभीर नकारात्मक परिणाम नहीं होता, लेकिन महामारी के दौरान कुछ लोगों को जुए की लत लग गई.इस तरह की लत मानसिक स्वास्थ्य, अनुभूति और रिश्तों के साथ-साथ दिवालिएपन और आपराधिकता की ओर ले जाती है. 

जुआ एक बड़ी समस्या है. इसे कैसे रोका जाए और इसका इलाज कैसे किया जाए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सबसे हालिया अनुमान के अनुसार, 2016 से, दुनिया भर में जुआ खेलने वालों को वार्षिक जुआ नुकसान का अनुमान कुल 400 अरब डॉलर था. साल 2021 में, यूके के जुआ आयोग ने अनुमान लगाया कि ‘जुआ विकार’ का प्रसार 0.4% जनसंख्या में था. 

शोध से पता चला है कि स्वस्थ व्यक्तियों में, सट्टेबाजी 17 से 27 वर्ष की आयु के लोगों में सबसे आम है और जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, इस लत में गिरावट आती जाती है. एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि व्यसन की समस्या वाले जुआरी समय के साथ अपनी सट्टेबाजी को बढ़ाते हैं, और अंत में दिवालिया हो जाते हैं. शराब और निकोटीन निर्भरता को भी सट्टेबाजी की अधिक समस्याओं से जोड़ा गया है. 

सभी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की तरह, इसमें भी शीघ्र सहायता और उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है ताकि सामान्य खुशियां, जैसे परिवार के साथ समय बिताना और सैर और व्यायाम का आनंद लेना, अभी भी सुखद रहे और सुख की यह भावना जुए की भेंट न चढ़ जाए.