कोलकाता वेब डेस्क / देश में कोरोना संक्रमण को लेकर जाँच रिपोर्ट और सैंपल कलेक्शन को लेकर भी फर्जीवाड़ा जोरो पर है | कई लैब बगैर सैंपल परखे कोरोना टेस्ट रिपोर्ट जारी कर रहे है | इसके चलते जहाँ उन्हें मोटी रकम मिल रही है, वहीँ संदेहियों की जान भी जोखिम में नजर आ रही है | बताया जाता है कि कई लैब संदेहियों या ग्राहकों का सैंपल तो ले रहे है, लेकिन उसकी टेस्टिंग नहीं कर रहे है | ग्राहकों को झूटी रिपोर्ट देकर उनसे मोटी फ़ीस वसूली जा रही है | इसके चलते कोलकाता में एक 57 वर्षीय बैंक मैनेजर की कोरोना वायरस से मौत हो गई |
हैरत वाली बात है कि पीड़ित बैंक मैनेजर के परिवार वालों को नहीं पता था कि उनके पिता कोविड-19 से संक्रमित हैं। बताया जाता है कि एक दिन पहले ही बैंक मैनेजर की कोरोना रिपोर्ट नेगिटिव आई थी | लिहाजा परिवार तनाव मुक्त था | लेकिन दूसरे दिन बैंक मैनेजर की तबियत इतनी ख़राब हुई कि उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में दाखिल कराया गया | परिवार वालों ने इस अस्पताल में लैब की रिपोर्ट दिखाई, इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि उन्हें कोरोना नहीं है | लेकिन अस्पताल में दुबारा जांच कराने के बाद बैंक मैनेजर को कोरोना होने की पुष्टि हुई।
पीड़ित बैंक मैनेजर की पत्नी की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस इस मामले की विवेचना में जुटी है। उधर मामले के तूल पकड़े जाने के बाद कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि स्वैब टेस्ट रिपोर्ट पर एक रिफर्ल कोड होता है, जो असल में टाइप किया जाता है लेकिन पीड़ित की रिपोर्ट पर ये हाथ से लिखा हुआ था। इसलिए ये टेस्ट रिपोर्ट नकली पाई गई थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बैंक मैनेजर बिमल सिन्हा को सर्दी, खांसी और बुखार था। उन्हें पारिवारिक डॉक्टर ने शहर की एक पैथालॉजिकल लैब में कोरोना टेस्ट के लिए भेज दिया। उधर लैब संचालक ने पीड़ित बिमल के घर 25 साल के एक टेक्नीशियन को सैंपल लेने के लिए भेज दिया। एक दिन के बाद ही इस लैब से बिमल सिन्हा की कोरोना की रिपोर्ट आ गई | इस रिपोर्ट में उन्हें कोरोना निगेटिव बताया गया था। जब बिमल के परिवार ने फॉर्मल रिपोर्ट मांगी तो उन्हें लैब से हाथों से लिखी गई एक एसआरएफ आईडी दे दी गई | यही नहीं व्हाट्सएप के जरिए भी रिपोर्ट के निगेटिव होने के बारे में उन्हें बताया गया।
इस रिपोर्ट के चंद घंटों बाद बिमल सिन्हा की हालत बिगड़ने लगी | उन्हें एमआर बांगूर अस्पताल में भर्ती कराया गया | यहां बिमल सिन्हा की दोबारा कोरोना जाँच कराई गई | इस रिपोर्ट में वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए। बिमल सिन्हा के बेटे हर्ष सिन्हा ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें बताया कि बिमल सिन्हा की पहली रिपोर्ट गलत- फर्जी थी। हर्ष सिन्हा के मुताबिक इस लैब ने सैंपल टेस्ट लेने के लिए दो हजार रुपये लिए थे। हर्ष के मुताबिक उन्होंने गलत रिपोर्ट की वजह से इलाज में अपना समय गंवा दिया |
उन्होंने अपने बैंक मैनेजर पिता को 30 जुलाई को सरकारी अस्पताल में भर्ती किया था | इसके कुछ देर बाद ही इलाज के दौरान बिमल सिन्हा ने दम तोड़ दिया।उधर लैब रिपोर्ट और व्हाट्सएप नंबर को ट्रैस करके पुलिस ने तीन लोगों को इस साजिश में गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि इंद्ररजीत सिकदर, बिस्वजीत सिकदर और अनित पाइरा टेक्नीशियन को गिरफ्तार किया गया है।