पुरी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत का कार्य आखिरकार पूरा कर लिया गया है। भारतीय पुरातत्व संस्थान (ASI) की देखरेख में हुए इस काम में कुल 95 दिन लगे। अब बारी है मंदिर में रखे रत्नों और आभूषणों की गिनती और सूची तैयार करने की, जो राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद शुरू होगी।
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरबिंद पधी और ASI के प्रमुख पुरातत्ववेता डीबी गरनायक ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12वीं सदी में बने इस मंदिर का संरक्षक भारतीय पुरातत्व संस्थान है और अंदरुनी चैंबर की मरम्मत का काम सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।
गौरतलब है कि मंदिर का बाहरी चैंबर पूजा और त्योहारों के समय उपयोग में आने वाले रत्नों को रखने के लिए इस्तेमाल होता है, जबकि सबसे मूल्यवान सोने, चांदी और हीरे के आभूषण मंदिर के भीतरूनी चैंबर में संग्रहीत हैं। यह चैंबर बीते 46 वर्षों से नहीं खोला गया था, और बीते वर्ष ही इसके संरक्षण और रत्न गिनती के उद्देश्य से इसे खोला गया।
मरम्मत कार्य के लिए ASI की लगभग 80 विशेषज्ञों की टीम लगाई गई, जिन्होंने मंदिर की ऐतिहासिक विरासत को सुरक्षित रखते हुए कार्य को अंजाम दिया। मंदिर के अंदर भगवान के खजाने की संरक्षा सुनिश्चित करना, तकनीकी और धार्मिक दोनों दृष्टिकोणों से एक संवेदनशील कार्य रहा।
पुरी जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार से जुड़ी यह पहल अब गहनों की सूचीकरण और मूल्यांकन के अगले चरण में प्रवेश करने वाली है, जिसे राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने पर शुरू किया जाएगा।
