नई दिल्ली / कैंसर इलाज के क्षेत्र में देश और दुनिया की जानी मानी विशेषज्ञ डॉ वी शांता का आज आज सुबह चेन्नई में निधन हो गया. डॉ वी शांता 94 साल की थीं और शांता को सांस लेने में परेशानी थी इसके बाद उन्हें चेन्नई के अपोलो अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई | उन्हें 2005 में ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ दिया गया था। वहीं भारत सरकार ने 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। ‘नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त वैज्ञानिक एस चंद्रशेखर उनके मामा और प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन उनके नाना के भाई थे। डॉ. शांता के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। सोमवार रात को लगभग नौ बजे सीने में दर्द की शिकायत के बाद डॉ. शांता को निजी अस्पताल ले जाया गया था। कैंसर इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने कहा कि मंगलवार तड़के 3.55 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को ओल्ड कैंसर इंस्टीट्यूट परिसर में ले जाया गया है, जिसे उन्होंने अपने गुरु डॉ. कृष्णमूर्ति के साथ मिलकर बनवाया था।
‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “डॉक्टर वी शांता को कैंसर रोगियों की देखभाल करने सुनिश्चित करने में उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए याद किया जाएगा | चेन्नई के अदयार में स्थित कैंसर संस्थान गरीबों और दलितों की सेवा करने में सबसे आगे है | मुझे 2018 में संस्थान की अपनी यात्रा याद है | डॉ. वी शांता के निधन से दुखी हूं, ओम शांति.”
डॉ. शांता अस्पताल में भर्ती होने से पहले तक सक्रिय थीं। उनके सहकर्मियों ने बताया कि वह कुछ दिनों से अच्छा महसूस नहीं कर रही थीं। महामारी के समय भी वे स्वास्थ्य संबंधी नई चुनौतियों को लेकर चिंतित थीं। उनका कैंसर इंस्टीट्यूट एक ऐसा संस्थान है जो समाज के सभी लोगों की उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल करता है, उनकी भुगतान करने की उनकी क्षमता को देखे बिना। जो लोग इलाज का पैसा नहीं दे सकते हैं उन्हें मुफ्त में इलाज मुहैया करवाया जाता है।