रायपुर/दिल्ली | छत्तीसगढ़ के एक महत्वपूर्ण प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई | सुनवाई के पहले ही दौर में आरोपी मुकेश गुप्ता को उस समय तगड़ा झटका लगा जब अदालत ने प्रकरण से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम हटाने के निर्देश दिए | दरअसल आरोपी की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाया गया था कि वो उनके परिजनों के फोन टेप करावा रहे है | इसके आलावा अन्य प्रकरणों पर भी राज्य सरकार की ओर से अदालत में तथ्यात्मक दस्तावेज रखे गए | इन दस्तावेजों में 1988 बैच के निलंबित आईपीएस और कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता से जुडी तमाम गैर क़ानूनी गतिविधियों का ब्यौरा है |
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में आरोपी मुकेश गुप्ता की दलील है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है | यही नहीं उसके परिजनो की ना केवल फोन टेपिंग हो रही है ,बल्कि राज्य सरकार पुर्बाग्रहः से ग्रसित होकर उसे परेशान कर रही है | इस आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज समस्त प्रकरणों की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग अदालत से की है | आरोपी की ओर से अपने पक्ष में कई तर्क अदालत के समक्ष रखे गए है | उधर राज्य शासन की ओर से पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कई क़ानूनी तर्को को पेश करते हुए कहा है कि आरोपी मुकेश गुप्ता के गैर-क़ानूनी कार्यो के चलते उनके खिलाफ वैधानिक आधारों पर FIR दर्ज की गई है | छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अदालत से यह भी कहा गया है कि निलंबित मुकेश गुप्ता के खिलाफ कई अन्य अपराधिक प्रकरणों में भी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है | इस कार्रवाई में आरोपी किसी भी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है | इसके चलते जांच कार्रवाई ठप्प पड़ी है | यही नहीं निलंबित होने के उपरांत आरोपी ने विभागीय जाँच में भी कोई सहयोग नहीं किया | और तो और कर्तव्य स्थल पर भी उपस्थित नहीं हुआ | लिहाजा आरोपी और संदेही की गतिविधियों और लोकेशन पर नजर रखने के लिए आम अपराधियों की खोजबीन की तर्ज पर उसका भी इंटर सेप्सन किया गया था | सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से यह भी तथ्य रखा गया कि आरोपी मुकेश गुप्ता क़ानूनी दांव पेंचो और षड्यंत्र के तहत अपने खिलाफ चल रही वैधानिक जांच प्रक्रिया से बचना चाहते है | यह तथ्य भी अदालत के समक्ष रखा गया कि आरोपी ने छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता कार्यालय को प्रेषित एक पुलिस अधिकारी के पत्र के लिफाफे का दुरूपयोग भी किया है | यह लिफाफा आरोपी ने कैसे हासिल किया इस तथ्य की भी जांच चल रही है | इस पत्र के आधार पर ही वरिष्ठ किसान नेता वीरेंद्र पाण्डे ने थाना सिविल लाइन रायपुर में शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी मुकेश गुप्ता उनके नाम का बेजा इस्तेमाल कर रहा है |
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है | अदालत ने फोन टेपिंग को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार से हलफनामा देने के लिए भी कहा है |

