मध्यप्रदेश में जिला सहकारी बैंकों में भर्ती घोटाला: नियमों को ताक पर रखकर प्रदेशभर में कई नियुक्तियां, जबलपुर में 27 पर गिरी गज, 5 अधिकारी सस्पेंड, कई जिलों का यही हाल 

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जबलपुर/ भोपाल। मध्यप्रदेश में जिला सहकारी बैंकों में स्थानीय नेताओं और अधिकारियों ने अपने लोगो को बैक डोर से नौकरी दे दी है। कई कुपात्रों को बैंक में नौकरी मिलने से सरकार के कायदे कानून धरे के धरे रह गए। बताया जाता है कि राज्य के दर्जन भर से ज्यादा जिलों में नियमों के विपरीत कई पदों पर बेजा नियुक्तियां कर दी गई है। उपकृत होने वाले ज़्यदातर लोग स्थानीय पदाधिकारियों और नेताओं के नाते रिश्तेदार बताये जाते है। मामले के खुलासे के बाद कई जिलों में कार्यवाही शुरू हो गई है। जबलपुर जिला सहकारी बैंक में हुई भर्ती प्रक्रिया में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। फर्जीवाड़े के उजागर होने के बाद कलेक्टर जबलपुर दीपक सक्सेना ने कुछ अधिकारियों के निलंबन के निर्देश दिए है। गड़बड़ियों को लेकर उनसे संबंधित विभाग को निलंबन प्रस्ताव भेजा गया है।

सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में सहायक समिति प्रबंधक और समिति प्रबंधक के पद पर निकली भर्ती में बड़ी धांधली बढ़ती गई। इसमें नियमों को तक पर रखकर भर्ती की गई थी। जांच में यह भी पता चला है की भर्ती के समय गलत तरीके से आरक्षण प्रक्रिया अपनाई गई थी, ताकि अपनों को उपकृत किया जा सके। यही नहीं अपने चाहतों को फायदा पहुंचाने के लिए संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों से अनुमति लिए बिना ही भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। यह सुनियोजित रूप से अंजाम दिया गया था। इस पूरी गड़बड़ी को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है।कलेक्टर ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए 5 को तत्काल सस्पेंड भी कर दिया है। बाकी आरोपियों लोगों को शो-काज नोटिस जारी किए गए हैं।

बताया जाता है कि 14 मार्च 2024 को यह भर्ती निकाली गई थी। इसी विज्ञापन के तहत 27 लोगों को समिति प्रबंधक के पद पर नियुक्त किया गया था। इस मामले में कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह भर्ती प्रक्रिया अपनाने में नियमों को ताक पर रखा गया है। मामला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के संज्ञान में लाया गया था। एक जांच समिति ने पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया है। जांच रिपोर्ट आते ही कलेक्टर ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है, संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।  

जानकारी के मुताबिक बैंक के तत्कालीन सीईओ समेत कई लोगों पर फर्जीवाड़े का आरोप है। बताया जाता है कि तत्कालीन सीईओ देवेंद्र कुमार राय, अखिलेश निगम तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता जबलपुर, वर्तमान उपायुक्त सहकारिता भोपाल एवं चंद्रशेखर पटले, तत्कालीन सहायक प्रबंधक मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक शाखा राइट टाउन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जबलपुर की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। बताते है कि आवेदकों की पात्रता का अवलोकन-परीक्षण में जानबूझ कर लापरवाही बरती गई थी।