
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने यह निर्णय लिया। छह सदस्यों की इस समिति ने सर्वसम्मति से इस निर्णय को पारित किया।
रेपो रेट क्यों होता है अहम?
रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है। यदि यह दर घटती है, तो बैंक भी सस्ते ब्याज पर लोन दे सकते हैं, जिससे कारोबार और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलता है।
हालांकि इस बार इसे स्थिर रखा गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था फिलहाल संतुलन की स्थिति में है।
महंगाई दर पर राहत
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि 2025-26 में खुदरा महंगाई (CPI Inflation) का अनुमान 3.1% किया गया है, जो पहले 3.7% था। हालांकि, चौथी तिमाही में यह 4% के ऊपर रह सकती है। कोर महंगाई भी इसी स्तर के आसपास रहने की संभावना है।
MPC में कौन-कौन हैं शामिल?
एमपीसी के छह सदस्य हैं –
- संजय मल्होत्रा (गवर्नर, RBI)
- पूनम गुप्ता (डिप्टी गवर्नर)
- राजीव रंजन (कार्यकारी निदेशक)
- नागेश कुमार (अर्थशास्त्री)
- सौगत भट्टाचार्य (अर्थशास्त्री)
- राम सिंह (प्रोफेसर, DSE)