नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों के कामकाजों पर नजर रखती है. जब भी कोई बैंक नियमों को अनदेखा कर अपनी मनमानी करता है तो आरबीआई उस पर जुर्माना लगा सकता है या बैंकिंग लाइसेंस कैंसिल कर सकता है. इसी कड़ी में आरबीआई ने कर्नाटक स्थित शिमशा सहकार बैंक नियमित, मद्दुर की बिगड़ती फाइनेंशियल पॉजिशन को देखते हुए उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया है.
आरबीआई ने शुक्रवार (5 जुलाई) को एक बयान में कहा था कि बैंक 5 जुलाई, 2024 को कामकाजी समय खत्म होने के बाद बैंकिंग कामकाज बंद कर देगा. इस बैंक का हरेक जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी डीआईसीजीसी (DICGC) से अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक की दावा राशि पाने का हकदार होगा.
आरबीआई ने कहा कि इस को-ऑपरेटिव बैंक के लगभग 99.96 फीसदी जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और इसका कामकाज जारी रहना इसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है.
आरबीआई ने शुक्रवार (5 जुलाई) को कहा कि उसने केवाईसी (KYC) और ‘लोन एंड एडवांस’ से संबंधित कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर 1.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. हालांकि, आरबीआई ने कहा कि यह जुर्माना रेगुलेटरी कंप्लायंस- में कमियों पर आधारित है और इसका मकसद बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट की वैलिडिटी पर कोई प्रभाव डालना नहीं है.