रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हास्टल में आधी रात भगदड़ मच गई | लेडी डॉक्टरों के शोरगुल से स्टाफ सकते में आ गया | दरअसल ,देर रात सोते समय MBBS की 17 छात्राओं को चूहों ने काट लिया। बदहवास छात्रावास ने कोहराम मचा दिया | हॉस्टल प्रबंधन के अफसरों की भी नींद हराम हो गई | लहू-लुहान डॉक्टरों के इलाज के बाद रातो -रात उन्हें सुरक्षित ठिकाने में भेजा गया |
घटना मंगलवार -बुधवार की दरम्यानी रात की बताई जा रही है | सुबह चूहों की खबर ली गई | लेकिन घटना स्थल के आस -पास तो क्या दूर -दराज तक र्कोई चूहे नजर नहीं आए | हॉस्टल प्रबंधन चूहों के आतंक से तंग बताया जा रहा है | फिलहाल चूहों का शिकार हुई सभी लेडी डॉक्टरों को पीजी हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है ।
रायपुर के इस मेडिकल कालेज में चूहों का आतंक लम्बे समय से चला आ रहा है | सरकार ने चूहे मारने के लिए कई बार टेंडर निकाले ,लाखो रूपए खर्च कर दिए ,फिर भी चूहों का बाल भी बांका नहीं बिगड़ पाया | उनकी आबादी में दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति होती चली गई | गर्ल्स हॉस्टल ही नहीं अस्पताल में भी चूहों ने कई मरीजों को काट खाया है | यहाँ अक्सर शिकायते रहती है ,कि सोते वक्त चूहे नाक काट लेते है |
पीड़ित डॉक्टरों के मुताबिक हास्टल में चूहे कई बार काट चुके हैं , जिसके बाद उन्हें रेबीज के इंजेक्शन लगाये गए हैं। उनका कहना हे कि यहां गंदगी की वजह से बहुत बुरा हाल है। चूहे काटने की घटनाए आम होने के बाद पीड़ित लोग इसके लिए अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहराते है | उन्होंने बताया कि अब चूहों का आतंक इतना बढ़ गया है कि वे रात में सो नहीं पाती हैं। अब तो हमारे शरीर के अलावा किताबें, कपड़े व अन्य सामान भी रोजाना कुतरे मिलते है |
पीड़ित बताती है कि चूहे के शिकार के लिए हॉस्टल में दो-तीन बार सांप भी निकल चुके हैं।चूहों की खबर लेने पर पता पड़ा कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन चूहे पकड़ने के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया में है | जबकि उससे सटे अंबेडकर अस्पताल ने चूहे पकड़ने के लिए 14 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है। इस अस्पताल में भी चूहों की तूती बोलती है | यहां कंप्यूटर के तारों, दवाओं और अन्य सामग्री को चूहे आए दिन नुकसान पहुंचा रहे हैं।