हरिद्वार के शांतिकुंज में बलात्कार , युवती की शिकायत पर  डॉक्टर प्रणव पंड्या पर दुष्कर्म की FIR , छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय पीड़ित लड़की ने  दिल्ली में दर्ज कराया मुकदमा , शांतिकुंज परिवार ने मामले को फर्जी बताते हुए विश्व विख्यात संस्था को बदनाम करने की साजिश बताया , जांच शुरू 

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हरिद्वार/दिल्ली वेब डेस्क – विश्व व्यापी गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज में कई सालों तक एक युवती का बलात्कार होता रहा | इस युवती के आरोप कितने सत्य है , यह तो पुलिस जांच-अदालत में तय होगा | लेकिन बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों के चलते शांतिकुंज हरिद्वार में खलबली मची हुई है | यही नहीं उत्तराखंड सरकार भी पीड़ित लड़की के आरोपों को लेकर सकते में है | दरअसल छत्तीसगढ़ की एक युवती ने दुष्कर्म के मामले में शांतिकुंज के एक चिकित्सक और उनकी पत्नी के खिलाफ दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले को हरिद्वार पुलिस को सौंप दिया है | अब इस मामले की जांच हरिद्वार कोतवाली पुलिस करेगी। शांतिकुंज आश्रम के प्रमुख और पंडित श्रीराम शर्मा के दामाद डॉ. प्रणव पांड्या पर यह सनसनीखेज आरोप लगा है |  छत्तीसगढ़ की एक लड़की ने डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्‍कर्म  का आरोप लगाया है | पीड़िता ने इस मामले में डॉ. पांड्या की पत्नी शैलजा को नामजद करते हुए दिल्ली के विवेक विहार पुलिस स्‍टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज कराई है |

जानकारी के अनुसार, दिल्ली में जीरो पर एफआईआर दर्ज की गई है | इसे आईजी गढ़वाल रेंज कार्यालय से हरिद्वार पुलिस को सौंप दिया गया है | हरिद्वार पुलिस के आला अफसर इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच को लेकर माथापच्ची कर रहे है | एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने न्यूज टुडे को बताया कि अभी एफआईआर यहां नहीं पहुंची है। दिल्ली के विवेक विहार थाने में छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज के डॉक्टर और उनकी पत्नी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पांच मई को मुकदमा दर्ज कराया था।

आरोप है कि युवती जब नाबालिग थी , वो वर्ष 2010 से 2014 तक शांतिकुंज में ही रही थी, उस वक्त वह खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी। युवती ने डॉक्टर पर दुष्कर्म करने और पत्नी पर मामले को छिपाए रखने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप है कि यह सिलसिला वर्ष 2014 तक चलता रहा। ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे घर भेज दिया गया। उसे किसी को भी इस बारे में जानकारी देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। 

इधर शांतिकुंज परिवार ने मामले को पूरी तरह फर्जी बताते हुए इसे विश्व विख्यात संस्था को बदनाम करने की गहरी साजिश बताया है। शांतिकुंज के प्रचार विभाग की ओर से की जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जो मुकदमा दर्ज कराया गया है उसमें सारे आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक एक दशक पहले घटना होनी बताकर अब मुकदमा दर्ज कराना खुद ही इस बात को साबित करता है कि पूरा प्रकरण द्वेष भावना से प्रेरित होकर किया गया है। उनके मुताबिक यह संस्था की ख्याति को नुकसान पहुंचाने की साजिश के साथ ही संस्था से जुड़े 16 करोड़ साधकों के लिए भी बेहद द़ुखद और हृदय विदारक है। यह भी कहा गया है कि संस्था हर तरह की जांच में सहयोग के लिए तैयार है।