Raksha Bandhan 2024: 37 वर्ष बाद आया रक्षाबंधन पर ऐसा मुहूर्त, मान्‍य नहीं होगा भद्रा का अशुभ प्रभाव, जानिये कब बांधें राखी…

0
50

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और अपने भाइयों की दीर्घायु सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। साथ भाई अपनी बहनों को सदैव उनकी रक्षा का वचन देते हैं। भाई-बहनों का पवित्र पर्व पंचांग के अनुसार, सोमवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा।

बेहद विशेष मुहूर्त में पर्व
इस बार रक्षाबंधन का मुहूर्त बेहद विशेष है। ऐसा मुहूर्त 37 वर्षों बाद आया है। इस बार रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा है। इस बार का योग बेहद विशेष है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वर्ष रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग, दीर्घायु आयुष्मान योग, सौभाग्य योग का शुभ संयोग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग बन रहा है। इसके पहले यह संयोग साल 1983 में बना था। इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है।

  • जबलपुर के एक ज्योतिषाचार्य के अनुसार रक्षाबंधन का ऐसा शुभ योग करीब 37 वर्षों बाद बन रहा है।
  • यही नहीं, इस बार भद्रा और ग्रहण का साया भी पर्व पर नहीं पड़ेगा। हालांकि इस बार की भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। इसलिए भद्रा का अशुभ प्रभाव मान्य नहीं होगा।
  • भद्रा इस बार रक्षाबंधन पर दोपहर एक बजकर 2 मिनट बजे तक ही रहेगी। श्रवण नक्षत्र सोमवार को रक्षाबंधन के दिन सुबह 8 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। फिर धनिष्ठा नक्षत्र लग जाएगा।
  • इस दिन सुबह नौ बजे से लेकर 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से तीन बजे तक चर, दोपहर तीन से 4.30 बजे तक लाभ, शाम 4.30 से छह बजे तक अमृत एवं शाम छह से 7.30 बजे तक चर का चौघड़िया मुहूर्त है।
  • इस बार सोमवार के दिन राखी का पर्व आने से अन्न एवं धनधान्य के लिए अच्छे अवसर पैदा होंगे।

19 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत– 18 अगस्त को रात्रि एक बजकर 57 मिनट से।

रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- दोपहर एक बजकर दो मिनट से रात नौ बजकर 17 मिनट तक।

दोपहर का मुहूर्त- दोपहर एक बजकर 2 मिनट से शाम चार बजकर 43 मिनट तक।

प्रदोष काल मुहूर्त- शाम छह बजकर 53 मिनट से रात आठ बजकर 15 मिनट तक।

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 अगस्त को रात्रि 12 बजकर चार मिनट तक।