Rajiv Gandhi Foundation : धन तेरस पर PM मोदी का भ्रष्टाचार के खिलाफ चला हथौड़ा , राजीव गांधी फाउंडेशन और चैरिटेबल ट्रस्ट का FCRA लाइसेंस हुआ कैंसिल, चीन से फंडिंग मामले के चलते बड़ी कार्रवाई

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दिल्ली : PM मोदी ने 15 अगस्त को भ्रष्टाचार के खिलाफ एलान ए जंग का अकाज किया था। इसके चलते केंद्रीय जाँच एजंसियों ने घोटालो और भ्रष्ट लोगो के खिलाफ देश भर में कार्रवाई शुरू की है। ताजा कड़ी में चीन से फंडिग लेने के मामले में कांग्रेस और गाँधी परिवार के ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब कांग्रेस और गाँधी परिवार इस लाइसेंस के निरस्त होने से स्थानीय संस्थाएं और एनजीओ विदेशी संस्थाओं, व्यक्तियों से अनुदान नहीं ले सकती हैं.

गौरतलब है कि इस फाउंडेशन में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कानून मंत्री पी चितंबरम सदस्य हैं. 1991 के इस ट्रस्ट का गठन किया गया था। राजीव गांधी फाउंडेशन में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 से इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी गठित की गई थी. इसमें ईडी के सीनियर अधिकारी भी थे। ग्रह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले ही कमेटी ने इस बारे में जांच रिपोर्ट सरकार को सौपी थी। 

1991 में स्थापित इस फाउंडेशन ने 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया. 2010 में, फाउंडेशन ने शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया गया। इसके लिए वेबसाइट बनाई गई थी। सूत्रों की माने तो फाउंडेशन   का एफसीआरए लाइसेंस 2020 से तीन से छह महीने की छोटी अवधि के लिए अपडेट किया गया था। इसकी भी जाँच की गई। 

गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर कांग्रेस को झटका दिया है। चीन से फंडिंग मामले की जाँच में , राजीव गांधी फाउंडेशन ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन किया है। जांच में पता चला है कि नियमों को ताक पर रखकर फाउंडेशन द्वारा पड़ोसी देश चीन से फंड लिया गया. गृह मंत्रालय इस मामले की जांच लंबे समय से कर रहा था. जांच में राजीव गांधी फाउंडेशन के गलत पाए जाने पर गृह मंत्रालय के विदेश विभाग ने यह कार्रवाई की है. 

जानकारी के मुताबिक एफसीआरए लाइसेंस के तहत स्थानीय संस्थाएं और एनजीओ विदेशी संस्थाओं, व्यक्तियों से अनुदान ले सकती हैं, लेकिन अनुदान लिए जाने की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी जानी चाहिए। ताकि , इससे यह पता लगाया जा सके कि जो अनुदान लिया गया है वह किस संस्था से किस कार्य के लिए लिया गया है.

इसका इस्तेमाल देश हित में है और देश विरोधी गतिविधि में किया जाएगा. लेकिन आरोप है कि गाँधी परिवार के ट्रस्ट ने नियमो का पालन नहीं किया। यही नहीं इस मामले में नियमो का हवाला देने वाले अफसरों को यूपीए सरकार ने जमकर प्रताड़ित भी किया था।