राजस्थान में 14 अगस्त से पहले कुछ बड़ा होने के आसार , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दिल्ली में दबिश , जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद बीजेपी में सियासी सरगर्मियां तेज

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नई दिल्ली / राजस्थान में 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू होना है | इस सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित कर सकते हैं | इस बीच   पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में दबिश देकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात शुरू कर दी है | शनिवार को वे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिली | उनका कार्यक्रम पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने का है | ऐसे में इसे राजस्थान की सियासी उठापटक से जोड़कर देखा जा रहा है | सूत्र बता रहे है कि इन दिनों कांग्रेस से बगावत करने वाले सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के आसार लगातार बढ़ते जा रहे है | इसके चलते पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अचानक सक्रीय हो गई है | सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से कह दिया है कि वे पार्टी के साथ हैं मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगी | 

बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे 12 अगस्त तक दिल्ली में ही रहेंगी और 13 को जयपुर लौटेंगी | उनके इस कदम को राजस्थान में नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी से जोड़कर भी देखा जा रहा है | हालांकि वसुंधरा ने पूरे समय मीडिया से दूरी बनाए रखी | सूत्र बता रहे है कि मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह की तर्ज पर वसुंधरा को भी अपनी ताजपोशी का इंतजार है | 
 

 
वसुंधरा राजे सिंधिया दिल्ली में लगातार सियासी बैठकें कर रही हैं | इसे लेकर राजस्थान का राजनीतिक गलियारा गरमाया हुआ है | वसुंधरा राजे ने पहली बैठक वरिष्ठ बीजेपी नेता राजनाथ सिंह से की | इसके बाद वे जेपी नड्डा और बी.एल संतोष से मिली |  वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से करीब डेढ़ घंटे चर्चा की | सूत्र बता रहे है कि राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर कोई गंभीर बात हुई है | यह भी जानकारी है कि वसुंधरा समर्थक दर्जन भर विधायकों को पार्टी ने गुजरात भेजा है |  वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में मचे घमासान पर एक लंबे वक्त तक इस चुप्पी साध रखी थी | उन्होंने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले थे | लेकिन दिल्ली में अचानक डेरा डालने से बीजेपी में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है |

बताया जाता है कि लंबे समय से वसुंधरा राजे पूर्व सीएम होने के बावजूद पार्टी की कई बैठकों से गायब थीं | आने वाले दिनों खासकर विधानसभा सत्र से पूर्व राजस्थान में बड़े सियासी उलटफेर के संकेत दिखाई दे रहे है | हालांकि ऊंट किस करवट बैठेगा इस पर कांग्रेस की निगाहें टिकी हुई है |