Saturday, October 5, 2024
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“राज दरबारी”, पढ़िए छत्तीसगढ़ के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों की खोज परख खबर, व्यंग्यात्मक शैली में, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार ‘राज’  की कलम से… (इस कॉलम के लिए संपादक की सहमति आवश्यक नहीं, यह लेखक के निजी विचार है)

बिट्टू जवान हुआ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पुत्र पर गढ़ी अकबर – बीरबल की निगाहे : 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र का असल नाम चैतन्य बघेल है। हालाँकि ज्यादातर लोग उन्हें बिट्टू के नाम से ही जानते – पहचानते है। उनके असली नाम से लोग उस समय रूबरू हुए जब बिट्टू की तस्वीर लगाकर एक आमंत्रण पत्र यहाँ – वहां बांटा गया। इस आमंत्रण पत्र में चैतन्य बघेल को कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने किया था। लेकिन आमंत्रण पत्र में विभागीय मंत्री मोहम्मद अकबर और चेयरमैन कुलदीप जुनेजा का नाम नदारत था। यही नहीं विशिष्ठ अतिथियों में कमिश्नर, अपर कमिश्नर और मुख्यमंत्री के OSD का नाम दर्ज था। लोगों को आमंत्रण पत्र देखकर हैरानी हुई। दरअसल राज्य में सरकारी सेवकों के ऐसे समारोह में अतिथि बनने पर रोक है। यह भी चर्चा जोरों पर रही कि हाउसिंग बोर्ड के भ्रष्ट अफसरों ने आखिर कैसे बिट्टू को लपक लिया। बताया जाता है कि राजनैतिक मामलों और अन्य उपकर्मों से बिट्टू काफी दूर है। ऐसे में भ्रष्टाचार के दलदल में समाये छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और उसके भ्रष्ट अफसरों के इस कार्यक्रम में चैतन्य बघेल का मुख्य आतिथ्य सुर्ख़ियों रहा। इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अकबर – बीरबल ने अपनी बहु प्रतीक्षित योजनाओं में चैतन्य बघेल को शामिल कर लिया है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री पुत्र को फील गुड कराने के लिए ही इस आयोजन में उन्हें मुख्य अतिथि बनाने का दांव खेला गया है। फ़िलहाल अकबर – बीरबल बिट्टू के संग से गदगद बताये जा रहे है। 

‘जायका ए कश्मीर’ डिप्लोमेसी के मामले में कश्मीरी जायका का कोई तोड़ नहीं :

सत्ता के गलियारों में डिनर डिप्लोमेसी आम बात है। लेकिन अब नौकरशाहों के बीच टिफिन डिप्लोमेसी की चर्चा जोरों पर है। दरअसल सत्ताधारी दल के एक प्रभावशील नेता को एक अफसर गाहे – बगाहे टिफिन पकड़ा देता है। नेता जी भी कश्मीरी जायके के शौंकीन बताये जाते है। शुरूआती दौर में दरबार में मौजूद कर्मियों – अफसरों को टिफिन का माजरा समझ में नहीं आया। लेकिन चंद महीनों में ही टिफिन का राज खुल गया। बताया गया कि टिफिन का ढक्कन खुलने से दरबार में कश्मीरी जायके की महक तो फैली – फैली, साथ ही मनमोहने का साहब का नुस्खा भी लोगों को भा गया। कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद नेता जी को भी इतना रास आ रहा है कि राज काज की असलियत से वे कोसो दूर जाने लगे है। उधर नेता जी की बरस रही कृपा से साहब की बेफ़िक्री साफ झलक रही है। असल काम काज छोड़ साहब नए रायपुर स्थित गोल्फ कोर्स में अक्सर नजर आते है। खेल में खलल डालने वाले लोग साहब को नापसंद है। फिर भी किसी का फोन आ भी जाये तो मामले पर गौर करने के बजाये साहब अपनी व्यस्तता का हवाला देकर कन्नी काट लेते है। बहरहाल दरबार के कर्मियों को उम्मीद है कि एक ना एक दिन वो पल भी आएगा जब कश्मीरी व्यंजनों का लुफ्त वे भी उठाएंगे। भले ही टिफिन उनके हाथ लगे ना लगे।  

मुनीम जी मालामाल हुए दाऊ जी के राज में :

दाऊ जी के कर्णधारों में से एक ‘मुनीम’ जी की इन दिनों लॉटरी निकल आई है। उनके राज में मुनीम जी के घर छप्पर फाड़ के लक्ष्मी बरस रही है। खबर है कि रोजाना बंपर इनाम और लकी ड्रॉ से मुनीम जी मालामाल हो गए है | अब वो लक्ष्मी जी को यथोचित्त स्थान देने के लिए नए ठिकानों की जोर अजमाइश में जुटे है। इसके तहत बेशकीमती जमीने, इमारतों और होटलों पर उनकी पैनी निगाह है। बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान जब लोगों का लक्ष्मी जी से नाता टूट गया था, ऐसे कठिन दौर में भी मुनीम जी के घर पर नगद नारायण की बारिश होती रही थी। इसकी कृपा से उन्होंने बिलासपुर के बस स्टैंड के निकट स्थित जेबीएल होटल के साथ – साथ खपरंगंज इलाके में बेशकीमती ईमारत पर कब्ज़ा कर लिया। बताया गया कि लक्ष्मी जी के नए निवास के लिए मुनीम जी ने अब अपने नाते – रिश्तेदारों का रुख किया है।  बताया गया कि उन्होंने अपने साले साहब के नाम पर जुबेर भाई बंदूकवाले से करीब 50 करोड़ में लक्ष्मी जी को शरण देने के लिए नया ठिकाना खोजा है। उधर बेनामी संपत्ति का मामला उस समय सुर्खियों में आ गया जब नवल नामक एक शख्स ने कब्ज़ा छोड़ने के लिए दिए गए 30 लाख रूपये ना केवल लौटा दिए बल्कि मुनीम जी के खिलाफ शिकायत लेकर अदालत का दरवाजा भी खटखटा दिया | 1 करोड़ 3 लाख की रकम नंबर एक में चुकाकर 50 करोड़ की संपत्ति को अपने कब्जे में लेने के मामले में मुनीम जी का किस्सा चर्चा में है।              

ब्यूटी पार्लर में सरकारी फाइलों का क्या काम है ? 

आमतौर पर ब्यूटी पार्लर में लोग सजने संवरने के लिए जाते है | लेकिन रायपुर के एक ब्यूटी पार्लर में अपना रूप रंग ठीक करने के लिए सरकारी फाइले भी दस्तक देने लगी है। भले ही यह सुनकर आप हैरत में पड़ जाये कि ब्यूटी पार्लर में सरकारी फाइलों का क्या काम है ? यहाँ तो इंसानों का हुलिया ठीक किया जाता है। यह सवाल उठना लाजमी है | लेकिन इस ब्यूटी पार्लर में सरकारी फाइलों का होना वाकई चौंकाने वाला है। पड़ताल के बाद खुलासा हुआ कि पार्लर में इंसानों के साथ – साथ फाइलों का भी रूप रंग ठीक किया जाता है। खबर खरी – खरी है। पता चला कि एक डिप्टी कलेक्टर स्तर की महिला अधिकारी को आज कल अपने दफ्तर में फाइलों का निपटारा करना रास नहीं आ रहा है। लिहाजा वो उनका रूप रंग मनमोहक बनाने के लिए इस ब्यूटी पार्लर का रुख करती है। बताया गया कि मैडम के साथ कुछ खास फाइलें खुद ब खुद पार्लर चली आती है। खबरीलाल ने बताया कि सरकारी दखलनदाजी से बचने और गोपनीयता बरक़रार रखने के लिए यह ब्यूटी पार्लर कारगर ठिकाना है। फ़िलहाल मैडम यही से पूरी बेफिक्री के साथ राज काज का संचालन कर रही है। लेकिन जिन फाइलों का रूप रंग दुरुस्त हो रहा है, उसका असल चेहरा मोहरा भी लोगों के सामने आने लगा है।   

अब चंद्रभूषण साहब के किस्से सुर्ख़ियों में, कौन है सीबी साहब ?  

हाल ही में कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी पर उस वक्त विराम लग गया जब पीड़ित ने विधायक से सीधा संपर्क कर हकीकत बयां कर दी | उन्होंने धोखाधड़ी का प्रयास करने वाले शख्स के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। इस खुलासे के सामने आने के बाद एक “सीबी” साहब की चर्चा जोरों पर है | दरअसल सीबी साहब अपना पता ठिकाना राज दरबार को बताते है | उनका दावा है कि वे मुखिया के असल ओएसडी है | इसी का हवाला देकर इन दिनों वे पुलिस विभाग में सिपाहियों की भर्ती से लेकर अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग का कारोबार चला रहे है | हाल ही में चंद्रभूषण साहब अपने 22 रिश्तेदारों को एक बस में ढो कर गरियाबंद पहुँच गए | यहां उन्होंने वर्दीधारियों पर जमकर रौब झाड़ा |  सैर सपाटे के बाद यह बस अपने गंतव्य पर रवाना हो गई | सीबी का यह दौरा खत्म नहीं हुआ था कि एक अन्य बस राजनांदगांव के सफर पर निकल पड़ी | इसमें सवार यात्रियों का इलाके में वर्दीधारियों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया | कुछ देर बाद बस के पीछे पीछे चंद्रभूषण साहब भी पहुंच गए | उनके दरबार में पुलिस भर्ती से लेकर थानेदारों को इधर से उधर करने की मंत्रणा हुई |दावा किया जाता है कि सीबी साहब की गृह मंत्रालय में तूती बोलती है | दरबार से सीधे जुड़े होने के चलते मुखिया जी ने उन्हें वर्दीधारियों का प्रभार सौंप रखा है | इसी दावे के साथ वे प्रदेशभर में पुलिस भर्ती अभियान का अपने तरीके से जायजा ले रहे है | यह वाकई हकीकत है , या फिर धोखाधड़ी का मामला | अब सीबी साहब की चपेट में आए वर्दीधारी उनकी असलियत से वाकिफ होने के लिए इन दिनों हाथ-पांव मारते नजर आ रहे है |

ये भी पढ़े : छत्तीसगढ़ की मूल भाषा को लेकर बवाल, नर्सिंग छात्राओं का आरोप – छत्तीसगढ़ी बोली बोलने पर प्रिंसिपल ने लताड़ा, 6 माह पाठ्यक्रम में पीछे धकेलने का दंड, कांकेर के नर्सिंग इंस्टीट्यूट की छात्र-छात्राओं ने 8 किमी पैदल मार्च कर कलेक्टर से की शिकायत

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