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RAIPUR NEWS: पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की सौम्या चौरसिया मरीन ड्राइव में, 10 करोड़ की संपत्ति जब्त, शेष की बरामदगी के लिए 10 दिनों की रिमांड

रायपुर। RAIPUR NEWS: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे प्रिय उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया अब शहर के मरीन ड्राइव इलाके में 10 दिनों तक नजर आएगी। दरअसल, सैर-सपाटे वाली इस जगह के करीब ही EOW का दफ्तर स्थित है। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की राजदार सौम्या की अरबों की अवैध संपत्ति की जब्ती का सिलसिला थामे नहीं थम रहा है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि गरीब प्रदेश में बंटी-बबली की इस जुगल जोड़ी ने सरकारी तिजोरी और कई योजनाओं में कमीशनखोरी कर मात्र 5 साल के भीतर अरबो की संपत्ति अर्जित की है। अब ऐसी चल-अचल सम्पत्तियों को लेकर यह जोड़ा मुश्किलों से घिरता नजर आ रहा है।

ताजा घटनाक्रम में EOW ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। सौम्या चौरसिया 18 नवंबर तक मरीन ड्राइव स्थित एजेंसी के मुख्यालय ACB/EOW में रिमांड पर रहेंगी। इससे पूर्व तकनीकी प्रक्रिया के तहत सौम्या को EOW ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया था। RAIPUR NEWS बता दे कि ED और ईओडब्ल्यू में पूर्व में दर्ज कई प्रकरणों में सौम्या जेल की हवा खा रही है। EOW ने उससे जब्त संपत्ति के अवलोकन के बाद आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक नया मामला दर्ज किया है। इस सिलसिले में सौम्या से 10 दिनों तक गहन पूछताछ के आसार है।

बता दें कि, प्रदेश की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (ACB/EOW) ने पिछले 2 जुलाई को निलंबित आईएएस अधिकारी क्रमशः रानू साहू और समीर विश्नोई के साथ छत्तीसगढ़ राज्य सेवा की डिप्टी कलेक्टर स्तर की अधिकारी सौम्या चौरसिया पर शिकंजा कसा था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988/संशोधित अधिनियम, 2018 की संबंधित धाराओं के तहत भ्रष्टाचार के आरोप में तीन नई प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एजेंसियां अब उनसे पूछताछ में जुटी है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि सौम्या से लगभग आधा सैकड़ा सवाल पूछे जा सकते है। इसमें धन-शोधन के अलावा संपत्ति अर्जित करने के तौर-तरीके से जुड़े सवाल भी शामिल है।

RAIPUR NEWS: बताया जाता है कि कांग्रेस राज में सुपर सीएम का दर्जा प्राप्त यह महिला लोक सेवक मुख्यमंत्री के अधिकारों और शक्तियों से संपन्न थी। छत्तीसगढ़ शासन प्राइवेट लिमिटेड के रूप में संचालित प्रदेश की तत्कालीन भूपे सरकार के तमाम गैर-क़ानूनी कृत्यों की बागडोर सौम्या के हाथों सौंप दी गई थी। ED ने ‘मुख्यमंत्री के अधिकारों’ के उपयोग-उपभोग को लेकर सौम्या से पूछताछ के बाद कई तथ्य अपनी चार्जशीट में पेश कर अदालत के संज्ञान में लाया था। यह भी बताया जा रहा है कि सौम्या ने गैर-क़ानूनी कृत्यों का ठीकरा अपने प्रणेता माननीय पूर्व मुख्यमंत्री पर फोड़ा था। लेकिन आधिकारिक रूप से बयान दर्ज कराने के मामले पीछे हट गई थी।

सूत्र तस्दीक करते है कि पूछताछ के दौरान सवालों का जवाब देने के बजाय यह कुख्यात आरोपी चुप्पी साध लेती है, या फिर बाथरूम जाने का बहाना कर वही घंटों डट जाती है। यह भी बताया जा रहा है कि अकेले अपने बलबूते कोई भी अधिकारी इतने बड़े घोटालों को अंजाम नहीं दे सकता। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल की भागीदारी और सहमति भी शामिल बताई जाती है। आखिर मुख्यमंत्री की नाक के नीचे ‘सीरियल स्कैम’ पूरे 5 वर्ष तक बगैर रोक-टोक क्यों जारी रहे ? इसका जवाब ना तो आरोपी सौम्या दे रही है और ना ही आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बघेल इस बाबत अपना मुँह खोल रहे है।

2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी चौरसिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि अक्टूबर 2022 तक वेतन और अन्य भत्ते के रूप में लगभग 85.50 लाख रुपये सौम्या चौरसिया को प्राप्त हुए थे। जबकि आरोपी लोक सेवक ने कथित तौर पर अपने परिवार के सदस्यों और परिचितों के नाम पर 29 अचल संपत्तियां अर्जित की थी। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 9 करोड़ 22 लाख रुपये आंकी गई है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी और EOW के संज्ञान में अभी वो अचल सम्पत्तियाँ शामिल नहीं बताई जा रही है, जिसके सौदे इन दिनों बाजार में घूम रहे है। जानकारी के मुताबिक सौम्या के स्वामित्व वाले कई कच्चे-पक्के सौदे रियल एस्टेट कारोबारियों के पास लंबित बताये जाते है। फ़िलहाल सौम्या से लगभग 10 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है, शेष संपत्ति के अटैच किये जाने हेतु एजेंसियों के प्रयासों पर जनता की नजर बताई जाती है।

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