रायपुर: RAIPUR NEWS: छत्तीसगढ़ की प्रमुख रायपुर स्थित केंद्रीय जेल ED के आरोपियों के लिए राजनीति और कारोबार का अड्डा साबित हो रही है। यहाँ न्यायायिक हिरासत में वक़्त गुजारने के लिए कई नामी-गिरामी कुख्यात आरोपी पानी की तरह पैसा बहा रहे है। उनकी मंशा यहाँ से राजनीति और कारोबार के उपक्रम को पूर्व की तरह पुनः सुचारु बनाये रखना, बताया जाता है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के अरमानों पर पानी फेरने में जुटे,ED के तमाम आरोपी एक बार फिर रायपुर सेन्ट्रल जेल में ही ट्रांसफर के लिए हाथ-पांव मार रहे है। क़ानूनी दांव-पेचों के जरिये जेल प्रशासन की नाक में दम करने वाले ऐसे आरोपियों ने अब राज्य की बीजेपी सरकार के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है।
ED के आरोपियों ने स्वयं की सुविधा के लिए जेल ट्रांसफर की मंशा जताई है। अदालती गलियारों में ऐसे आरोपियों के एक के बाद एक आवेदन सुर्खियों में है। अब सैकड़ों करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने भी महासमुंद जेल ट्रांसफर के लिए कवायत शुरू कर दी है। अदालत में जेल ट्रांसफर हेतु आवेदन दाखिल करने के बाद महासमुंद अथवा रायपुर सेंट्रल जेल को पूर्व की तर्ज पर अपना ठिकाना बनाने के लिए कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी की बीजेपी सरकार में घुसपैठ, चर्चा में है।
जानकारी के मुताबिक लगभग 23 माह से जेल की हवा खा रहे सूर्यकांत तिवारी ने महासमुंद अथवा रायपुर सेन्ट्रल जेल में स्थानांतरण के लिए बीजेपी सरकार में सेंधमारी की है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि पार्टी के दो कद्दावर विधायकों ने इस कुख्यात आरोपी की कठिनाइयां दूर करने के लिए राजनैतिक प्रयास भी तेज कर दिए है। इन दोनों ही विधायकों की सूर्यकांत के साथ घनिष्ठता बताई जाती है। सूर्यकांत को जेल में VIP सुविधा प्रदान करने के लिए इन दोनों विधायकों की कवायतें भी राजनैतिक गलियारों में सुनाई देने लगी है। सूत्र तस्दीक करते है कि ED के आरोपियों के जेल ट्रांसफर को लेकर ऊंची बोली का दौर भी शुरू हो गया है। इसके लिए उच्च जेल अफसरों को दबाव में लाने की रणनीति भी सामने आई है।
कोल और शराब घोटाले में आरोपी बनाये गए अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर की हाल ही में हाईकोर्ट बिलासपुर ने रायपुर सेंट्रल जेल वापसी सुनिश्चित कर दी है। बचाव पक्ष ने कई कारण गिनाते हुए दोनों ही आरोपियों की ओर से अदालत में अर्जी दाखिल की थी। इसमें रायपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरण की गुहार लगाई गई थी। इस अर्जी पर राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उनकी रायपुर जेल वापसी की राह तय कर दी है। अदालत के फैसले से बचाव पक्ष गदगद है।
उन्हें बस अब, आदेश का पालन सुनिश्चित किये जाने का इंतज़ार है। इस बीच कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी के महासमुंद जेल स्थानांतरण की कवायत से जेल महकमे में गहमा-गहमी तेज हो गई हैं। दरअसल, ED के प्रभावशील आरोपियों की खुरापाते और तिकड़मों से जेल प्रशासन के माथे पर बल पड़ गया था। बताया जाता है कि परेशान जेल प्रशासन ने प्रभावशील आरोपियों को प्रदेश की अलग-अलग जेलों में स्थानांतरित कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक लंबे समय तक रायपुर सेंट्रल जेल में VIP सुविधाओं को लेकर चर्चा में रहे ED के प्रभावशील आरोपियों को जगदलपुर, कांकेर और अंबिकापुर जेल में स्थानांतरित किया गया था। इसमें अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, सूर्यकांत तिवारी समेत अन्य दो विचाराधीन बंदियों को नए ठिकाने भेजने के बाद जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली थी। बताया जाता है कि पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और व्यवसायी अनवर ढेबर को वापस रायपुर केंद्रीय जेल भेजे जाने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि, निचली अदालत ने जेल शिफ़्टिंग का आदेश देते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया है। उधर हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार चुनौती देगी या नहीं, इसी लेकर गहमा-गहमी जारी है। हालांकि राज्य सरकार क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए दुबारा आवेदन दे सकती है।
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