छत्तीसगढ़ में कृषि क्रांति का आगाज: एक क्लिक में 45 हज़ार करोड़ खेत – खलियानों में लह-लहाने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री बने विष्णुदेव साय, मूसलाधार बारिश के बीच सरकार ने किसानों के लिए खोली तिजोरी, अब खेती – किसानी तब्दील होगी फॉर्मर इंडस्ट्री के रूप में…..

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया है, उनकी पहल से प्रदेश में खेती – किसानी को लाभ का धंधा बनने में अब ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा। राज्य की बीजेपी सरकार ने एक ही क्लिक में रिकॉर्ड तोड़ 45 हज़ार करोड़ से ज्यादा की रकम किसानों की खाली झोली में डाली है। आमतौर पर देश में तीज – त्यौहारों खासकर दीपावली के पूर्व किसानों को उनकी फसल का उचित भुगतान कर राज्य सरकारे फूले नहीं समाती। लेकिन पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए मुख्यमंत्री साय ने मूसलाधार बारिश के बीच एक क्लिक दबा कर 25 लाख से अधिक किसानों के खाते में मोटी रकम डाल दी है। साय के मुताबिक अन्नदाताओं को पीएम मोदी गारंटी के तहत सर्वाधिक भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने लगे हाथ किसानों को 16 अगस्त से पूर्व उनकी फसलों का बीमा कराने की भी अपील की है, ताकि खेती – किसानी से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री साय का एक झटके में हज़ारों करोड़ का भुगतान, देश में किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा एक दिन में स्वीकृत और जारी यह अब तक का सबसे बड़ा भुगतान बताया जाता है। बैंकिंग इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों के मुताबिक इतनी बड़ी रकम से प्रदेश के सहकारी क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। कृषि और आर्थिक मामलों के जानकार प्रकाश यादव के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इतने बड़े भुगतान ने एक नया इतिहास रच दिया है, इससे बाजार में उछाल आएगा, आर्थिक कारोबार में तेजी भी देखने को मिलेगी। उनके मुताबिक कृषि को कारोबार की शक्ल देने से प्रदेश में किसानों की बदहाली दूर होगी। कृषि मामलों के जानकार विष्णु सरकार कहते है कि किसानों को उद्योगपति बनाने की नई शुरुआत प्रशंसनीय पहल है। इसे लाभ का धंधा बनाने के प्रयासों के रूप में देखा जाना चाहिए।

उनके मुताबिक कृषि क्षेत्र में आर्थिक सुधार से प्रदेश की आम जनता को फायदा मिलेगा। यहाँ के किसानों को उत्पादन खपत के लिए स्थानीय बाजार भी उपलब्ध हो सकेगा। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अपनी रवानगी से पूर्व वित्तीय वर्ष 2022-23 में अकेले कृषि विभाग के लिए मात्र 10 हजार 70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। साल 2023-24 के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने पेश किये गए बजट में किसानों को एक साथ बड़े भुगतान की कोई ठोस पहल नहीं की थी। लेकिन बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के मात्र 7 माह के भीतर मुख्यमंत्री ने बेहतर वित्तीय प्रबंध का परिचय देते हुए अपने वादे के अनुसार किसानो के लिए सरकारी तिजोरी खोल दी हैं। 

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वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिसके एवज में उन्हें 31 हज़ार 913 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। 12 जनवरी, 2024 को धान के मूल्य की अंतर राशि के रूप में 24.75 लाख किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया गया। बताते है कि मुख्यमंत्री साय ने किसानों की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए एक साथ बड़े भुगतान की स्वीकृति दे दी। किसान कल्याण की नीतियों से खेती में किसानों का मुनाफा बढ़ा है। बताते है कि किसान परिवार अधिक सशक्त और फसल उगाने से लेकर उसे बेचे जाने तक की प्रक्रिया बेहद आसान करने में मुख्यमंत्री साय ने खासी रुचि दिखाई है।

बीजेपी सरकार के परिवर्तनकारी फैसलों से छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां किसानों को उनके धान का उच्चतम मूल्य मिल रहा है। छत्तीसगढ़ की तुलना कृषि उत्पादक अन्य राज्यों क्रमशः मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में की जाये तो यहाँ किसानों की आबादी इस प्रदेश की तुलना में दोगुने से ज्यादा होने के बावजूद एक क्लिक में इतना मोटा भुगतान करने की हिम्मत किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री ने नहीं दिखाई है। जबकि इन राज्यों में सत्ता के खेल में किसानों की भागीदारी उतनी ही सुनिश्चित है, जितनी छत्तीसगढ़ में। राज्य सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में आबंटित बजट की तुलना में किसानों को जारी यह सबसे बड़ा भुगतान, देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है।

कृषि मामलों के जानकार तस्दीक करते है कि ज्यादातर प्रदेशों में किसान राजनीति सर्वोंपरी होने के बावजूद अभी तक किसी भी मुख्यमंत्री ने इतनी बड़ी रकम, 45 हज़ार 320 करोड़ स्वीकृत नहीं किया है। इससे देश भर के किसानों की जुबान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की चर्चा जोरो पर चल रही है। कई किसान नेताओं ने तो सोशल मीडिया में साय की तारीफ कर अपनी राज्य सरकारों को आईना भी दिखाया है। देश में कृषि उत्पादक राज्यों क्रमशः मध्य प्रदेश में बीजेपी की मोहन यादव सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 5510 करोड़ रुपये आबंटित किये हैं, यह रकम एक दिन में नहीं बल्कि सालभर में खर्च होगी। 

पंजाब में वित्त वर्ष 2024-25 में 16,000 करोड़ रुपए के बजट का प्राविधान किया गया है। माना जा रहा है कि इस भारी कटौती से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जहां कृषि एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। वित्त वर्ष 2024-25 में महाराष्ट्र बजट में कृषि विभाग को 3,650 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि इसमें पशुपालन विभाग समेत अन्य कृषि योजनाओं पर 550 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र के लिए बजट में तीन नई योजनाओं के लिए कुल 460 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट अनुमानों को पेश करते हुए उम्मीद जाहिर की थी कि इससे कृषि क्षेत्र में 5.1 प्रतिशत वृद्धि दर का लक्ष्य प्राप्त करेगी। जानकार बताते है कि इस तुलना में छत्तीसगढ़ में कृषि योजनाओं और किसानों को सालाना होने वाला भुगतान कही ज्यादा है। हरियाणा में 2023-24 में कृषि उत्पादन 8.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जो कि देश में सर्वाधिक में से एक है। सरकार ने खरीफ और रबी सीजन-2023 में 29,876 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों के खातों में जमा किया था। यह रकम कई किस्तों में किसानों को उपलब्ध कराई गई थी।

इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी कृषि सुधार बिल के अनुरूप कई योजनाओं को एक साथ लागू कर दिया गया है। खेतों में काम करने वाले मजदूरों की समस्याओं को दूर करते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी, इस योजना के लिए सरकार ने वर्ष 2024-2025 के बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, इसके साथ ही सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीजों का वितरण भी समय के भीतर ही हो सके। कृषक उन्नति योजना के जरिए छत्तीसगढ़ के किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गारंटी दी जा रही है।

इस फैसले से किसानों में उत्साह दिख रहा है। किसानों से अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़ में की विष्णु देव साय की सरकार ने 25 दिसंबर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 13 लाख किसानों के बैंक खातों में पिछले दो वर्ष का लंबित धान बोनस का 3,716 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। फ़िलहाल छत्तीसगढ़ की पहचान नए सिरे से धान के कटोरे के रूप में पुनर्जीवित हो रही है। बताते है कि बीते 5 सालों में तत्कालीन सरकार ने कृषि क्षेत्र को खोखला कर दिया है। नतीजतन बेजार पड़ी कृषि योजनाओं को आम किसानों तक पहुंचाना राज्य की बीजेपी सरकार के सामने अभी भी एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि विष्णुदेव साय सरकार के ताज़ा फैसलों का दूरगामी असर प्रदेश के खेत खलियानों में कृषि क्रांति के रूप में दिखाई देगा।