
रायपुर : – राजधानी रायपुर में शासन – प्रशासन का सड़क चौड़ीकरण और बेजा कब्ज़ा और अतिक्रमण विरोधी अभियान जोर – शोर से जारी है। कई मार्गो के अतिक्रमण मुक्त होने से जहाँ राहगीरों को राहत मिली है वही अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही होने से नाप -जोक को लेकर विवाद भी सामने आ रहे है। इस बीच कार्यवाही को जनविरोधी योजना करार देते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल सड़कों पर उतर आये है। उन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के सिद्धार्थ चौक से साहू कॉम्प्लेक्स, संजय नगर होते हुए संतोषी नगर ओवरब्रिज तक की राह नापी और शिकायतकर्ताओं से रूबरू हुए। कन्हैया अग्रवाल ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण के नाम पर की गई नाप-जोख और कार्यवाही से क्षेत्र के नागरिकों में भय, असुरक्षा और भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर छोटे दुकानदारों को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

कन्हैया अग्रवाल ने मौंके का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आश्चर्यजनक बात है कि इस मार्ग पर न तो किसी प्रकार की ट्रैफिक समस्या है, न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों अथवा रहवासियों द्वारा सड़क चौड़ीकरण की कोई मांग की गई है, इसके बावजूद चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार कर मनमानी तरीके से मकानों और दुकानों पर तोड़फोड़ की मार्किंग की गई है। अग्रवाल ने कहा कि सड़क के दोनों ओर अलग-अलग स्थानों पर 02 मीटर से लेकर 15 मीटर तक घरों और दुकानों को तोड़े जाने की मार्किंग से इलाक़े के लोग भयभीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही कतार में स्थित समान परिस्थिति वाले घरों में कहीं 06 मीटर, कहीं 08 मीटर और कहीं 12 मीटर की मार्किंग किया जाना इस पूरी प्रक्रिया को संदेहास्पद और हास्यास्पद बनाता है। उन्होंने इस अभियान को एक सुनियोजित तरीके से लोगों को डराने और भय का वातावरण बनाने की योजना बताया है। उन्होंने कहा कि बहुत से घर ऐसे हैं जिनकी गहराई 20 फीट है, वहां तोड़फोड़ के लिए मार्किंग 08 मीटर की की गई है जिससे पीड़ित का पूरा घर और दुकान ही समाप्त हो जाएगी।

कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि इस अभियान के विरोध में वे क्षेत्र के रहवासियों के साथ हस्ताक्षर अभियान चला रहे है। अग्रवाल ने कहा कि इससे पूर्व भी चांदनी चौक से भाठागांव चौक तक अंतरराज्यीय बस स्टैंड मार्ग पर इसी प्रकार सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तोड़फोड़ की मार्किंग की गई थी, जिसका कांग्रेस पार्टी और नागरिकों ने लगातार विरोध किया था। इसके परिणामस्वरूप बिना किसी घर या दुकान को तोड़े ही इस इलाके में सड़क चौड़ीकरण का कार्य संभव हुआ था।

उन्होंने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इसी तर्ज पर वर्तमान मार्ग पर भी बिजली के खंभों को स्थानांतरित कर, पेड़ों का समुचित प्रबंधन कर सड़क का चौड़ीकरण किया जा सकता है, लेकिन अधिकारी इस ओर गंभीरता पूर्वक विचार ही नहीं कर रहे है। उनके मुताबिक 300–400 वर्गफुट में बने घरों और दुकानों को तोड़कर आम नागरिकों को उनके आशियाने और रोजी-रोटी से वंचित करना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है, यह जनहित नहीं बल्कि जनविरोधी और अमानवीय सोच का परिचायक है।






