Ahswani Vaishnav Plan for Railway: जब आप ट्रेन के एसी कोच में सफर करते हैं तो यहां पर आपको रेलवे की तरफ से चादर, तकिया, कंबल और टॉवल दिये जाते हैं. इन्हें इस्तेमाल करने के बाद आपको ट्रेन में ही छोड़ना होता है. लेकिन कुछ लोग इन्हें अपने बैग में रखकर ले जाते हैं. यात्रियों के ऐसा करने से रेलवे को बड़ा नुकसान हो रहा है. पिछले कुछ सालों में चादर और टॉवल चोरी करने के मामले तेजी से बढ़े हैं. रेलवे की तरफ से एक साल पहले दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन की ट्रेनों में लोगों ने सबसे ज्यादा करीब 56 लाख रुपये का सामान चोरी किया था.
अटेंडेंट ने टॉवल चुराने वाली महिला का वीडियो बनाया
इस जानकारी के सामने आने के बाद रेलवे ने ऐसा करने पर कार्रवाई की चेतावनी जारी की. लेकिन इसके बाद भी ऐसे मामलों में कमी नहीं आ रही है. कुछ दिन पहले राजधानी ट्रेन के एसी कोच से टॉवल चुराने वाली महिला का वीडियो अटेंडेंट ने बना लिया था. अटेंडेंट ने इस वीडियो को सबूत के तौर पर अधिकारियों को दिखाया था. इसको लेकर एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में खबर भी प्रकाशित हुई थी. पहले भी टॉवल और तौलिये चुराने वाले यात्रियों को पकड़ा जा चुका है.
जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला
टॉवल और चादर चोरी के मामले बढ़ने के बाद पश्चिम रेलवे ने ट्रेनों के एसी कोच में जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है. रेलवे को उम्मीद है कि जागरूकता अभियान के जरिये इस तरह की चोरी के मामलों में कमी आ सकती है. आपको बता दें 12952 दिल्ली- मुंबई राजधानी एक्सप्रेस के सेकंड एसी कोच में सफर करने वाली एक महिला ने अपने बैग में रेलवे का टॉवल रख लिया था. शक होने पर उसके बैग की तलाशी ली गई तो रेलवे के 5 टॉवल मिले.
15 दिन में ही ट्रेनों से 500 से ज्यादा टॉवल चोरी हुए
पिछले 15 दिन में ही पश्चिम रेलवे की अलग-अलग ट्रेनों से 500 से ज्यादा टॉवल चोरी हुए हैं. रेलवे की तरफ से चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान में यात्रियों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा कि ट्रेन में लिनन टॉवल का इस्तेमाल सफर के दौरान ही करें. इन्हें अपने साथ घर नहीं ले जाएं और ट्रेन में छोड़कर ही जाएं. इसके अलावा अटेंडेंट को भी यह ट्रेनिंग दी जाएगी कि उन्हें जिस सीट पर लिनेन की गिनती कम मिले, उसके यात्री से इस बारे में जानकारी करें.
रेलवे का सामान चुराने क्या सजा?
रेलवे का सामान चोरी करना कानूनी रूप से अपराध है. यदि आप रेलवे के सामान को चोरी करते हुए या रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए पकड़े जाते हैं तो रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966 के तहत आप पर कार्रवाई की जा सकती है. इतना ही नहीं रेलवे के सामान को नुकसान पहुंचाने या चोरी करने पर जुर्माना व जेल दोनों का प्रावधान है. इसके लिए अधिकतम पांच साल की सजा है. जुर्माने की राशि अदालत की तरफ से तय की जाती है.