रांची / आमतौर पर यात्री सेवाओं को लेकर कई लोग रेलवे पर निशाना साधते है | लेकिन अब रेलवे की कार्यप्रणाली पर काफी सुधार आया है | उसने एक सवारी के लिए राजधानी एक्सप्रेस को रांची रवाना किया | उसकी इस दरियादिली से भले ही सरकार को लाखों का नुकसान हुआ हो , लेकिन इस यात्री की जिद्द और क़ानूनी तर्कों को उसने तव्वजों दिया | आखिरकर इस एक मात्र यात्री ने सुरक्षा कर्मियों के साथ 535 KM का सफर तय किया | जब राजधानी एक्सप्रेस देर रात 1.45 बजे रांची रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां मौजूद अफसरों की निगाहें इस एकमात्र यात्री पर टिकी रही |
दरअसल झारखंड में एक आंदोलन की वजह से दिल्ली-रांची रूट पर रेल आवागमन ठप हो गया था | गुरुवार को दिल्ली से चलकर रांची जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस को इस वजह से 9 घंटों का लंबा इंतजार करना पड़ा | यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने उन्हें बस के जरिए रांची रवाना किया गया | लेकिन एक यात्री ने बस से जाने के लिए इनकार कर दिया | इस यात्री ने रेलवे के अफसरों के सामने अपनी टिकट दिखाते हुए क़ानूनी तर्क पेश किये | इसके बाद रेलवे को इस एकमात्र यात्री के लिए अलग से राजधानी एक्सप्रेस चलानी पड़ी |
बताया जाता है कि राजधानी एक्सप्रेस में कुल 930 यात्री सवार थे | इन्हे ट्रेन का परिचालन नहीं होने के चलते रेलवे ने बस के जरिए उन्हें गंतव्य तक भेजने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई | लेकिन इसी ट्रेन में सवार रांची की अनन्या नामक एक यात्री ने बस से जाने से इंकार कर दिया | अनन्या मुगलसराय से ट्रेन में सवार हुईं थीं | उन्हें रांची तक का सफर करना था | दरअसल वो बनारस में रहकर LLB की पढाई कर रही हैं | उधर रांची भेजने के लिए अनन्या को रेलवे अधिकारियों और सहयात्रियों ने भी समझाया कि वे उनके साथ बस से चली जाएं क्योंकि किसी एक इंसान के लिए ट्रेन नहीं चल सकती है |
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लेकिन अनन्या ने बस में जाने से मना कर दिया | उसने कहा कि यात्री को गंतव्य तक पहुंचाना रेलवे का फर्ज है इसलिए वो बस से नहीं जाएंगी | इस दौरान रेलवे अधिकारियों ने अनन्या को विशेष कार से रांची भेजने का प्रस्ताव भी दिया | लेकिन अनन्या ने उसे भी इंकार कर दिया | आखिरकर ये बात दिल्ली में रेलवे के उच्च अधिकारियों को दी गई | रेलवे मुख्यालय ने यात्री सुविधा और अधिकारों का हवाला देते हुए अनन्या के लिए रांची तक ट्रेन चलाने का आदेश दिया |
इसके बाद ट्रेन इस सफर पर निकल पड़ी | दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस को रूट बंद होने की वजह से गया के रास्ते गोमो और बोकारो होते हुए रांची रवाना किया गया | इस ट्रेन में रेलवे कर्मचारियों को छोड़कर अनन्या अकेले सवार थी | उसकी सुरक्षा के लिए एक RPF जवान भी तैनात किया गया था | रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि एक मात्र यात्री के लिए उसे राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन चलानी पड़ी | आखिरकर 535 किमी लंबी दूरी का सफर तय कर ट्रेन रात करीब 1:45 मिनट पर रांची स्टेशन पहुंची | रेलवे की इस दरियादिली से अनन्या का चेहरा भी ख़ुशी से खिल उठा |