1 जनवरी से रेलवे करने जा रहा बड़ा बदलाव, कुछ नया – नया सा होगा सफर, यात्रियों को मिलेगी ये खास सुविधाएं

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दिल्ली / Indian Railways 1 जनवरी से रेल यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई बड़े बदलाव करने जा रही है | इन्हीं में से एक बदलाव है, रेलवे की साइड लोअर बर्थ को लेकर | इस एक बदलाव से रेलवे के उन यात्रियों को बड़ा आराम मिलेगा जिन्हें RAC के तहत ये सीटें अलॉट होती हैं | अब उनका सफर भी आराम से कटेगा |

1 जनवरी 2021 से शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस में Linke Hofmann Busch यानि LHB कोच लगा दिए जाएंगे | इस कोच की साइड लोअर बर्थ बिल्कुल नए तरीके की है | साइड लोअर बर्थ में दो सीटों को जोड़कर बनाई गई बर्थ के लिए अलग से एक स्लैब दी जाएगी जिसके इस्तेमाल से दोनों सीटों के बीच का गैप खत्म हो जाएगा और यात्रियों का सफर आरामदायक हो जाएगा | इस कोच को जर्मनी की कंपनी लिंक हॉफमैन बुश की मदद से बनाया गया है |

‘शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस’ भोपाल के हबीबगंज स्टेशन से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के बीच चलती है | इस ट्रेन के लिए 45 कोच दिए गए हैं, जिसमें से हर रैक में 22 कोच लगाएं जाएंगे | ये कोच ज्यादा सुविधाजनक होंगे | इसके साथ ही इन कोच में बैठकर सफर करने का यात्रियों को नया अनुभव मिलेगा |

कई सालों से शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस में ICF कोच लगे हुए हैं, जो चेन्नई में तैयार होते हैं | कई दशकों बाद अब इस ट्रेन के कोच में बदलाव होने जा रहा है | धीरे-धीरे ये कोच बाकी ट्रेनों में भी लगाने की योजना है |

रेलवे ट्रेनों की साइड लोअर बर्थ को नए रूप में लाने की तैयारी कर रहा है | पुराने कोच में फोल्डिंग वाली बर्थ का इस्तेमाल होता था | इस बर्थ में यात्रियों को काफी परेशानी होती थी, यात्री पीठ दर्द की शिकायत करते थे, क्योंकि दोनों सीटों को मिलाने पर बीच में गैप बना रहता था | नए कोच में यात्रियों को ज्यादा लंबी और गद्देदार सीट मिलेगी |

‘शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस’ के अलावा हबीबगंज से जबलपुर के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस में भी LHB कोच लगाए जाएंगे | इस कोच में कई आधुनिका सुविधाएं होंगी जो पुरानी ICF वाली कोच में नहीं हैं | इसकेा सस्पेंशन ज्यादा बेहतर होगा, सीटों का कुशनिंग भी अच्छी होगी |