नई दिल्ली / इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार इंडियन रेलवे को पूरी तरह से निजीकरण करने की तैयारी में है। साथ ही साथ मासिक पास तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट जैसी सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया जाएगा। यह दावा फर्जी पाया गया है। दरअसल केंद्र को बदनाम करने के लिए सक्रीय कुछ तत्वों ने मीडिया में यह झूठी अफवाह फैलाई है। प्रेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है। हाल ही में तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में दावा किया गया है, ‘रेलवे क्यों बंद है, कभी सोचा? भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण किया जाएगा। साथ ही मासिक तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट जैसी सुविधाएं समाप्त कर दी जाएंगी |
पीआईबी फैक्टचेक के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इस वीडियों में किए गए दावों का खंडन करते हुए लिखा गया है कि यह दावा फर्जी है। पीआईबी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पीआईबी की इस ट्वीट से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण नहीं हो रहा है। यही नहीं मासिक तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट जैसी सुविधांए समाप्त नहीं होंगी।
कुछ माह पूर्व केंद्र सरकार ने रेलवे में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के विकल्प की तलाश शुरू की थी। सरकार का कहना है कि इससे रेलवे की कई सुविधाओं को बेहतर और दक्ष बनाने में मदद मिलेगी। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर रेलवे के निजीकरण की ना केवल चर्चा हो रही है बल्कि जाने – माने उद्योगपतियों के नए कारोबार को लेकर केंद्र पर निशाना साधा जा रहा है।
पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने आम जनता से कहा है कि अगर आपको भी कोई ऐसा मैसेज मिलता है तो फिर उसको पीआईबी के पास फैक्ट चेक के लिए https://factcheck.pib.gov.in/ अथवा व्हाट्सऐप नंबर +918799711259 या ईमेलः pibfactcheck@gmail.com पर भेज सकते हैं। यह जानकारी पीआईबी की वेबसाइट https://pib.gov.in पर भी उपलब्ध कराई गई है।