नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच विपक्षी गठबंधन INDIA में दरार के संकेत उभरने लगे हैं। इसकी ताजा वजह बना राहुल गांधी का विवादास्पद बयान, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की वैचारिक तुलना कर दी।
केरल के कोट्टायम में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “मैं RSS और CPI-M दोनों से वैचारिक लड़ाई लड़ता हूं, लेकिन मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इनमें लोगों के प्रति संवेदना नहीं है।” इस बयान पर माकपा महासचिव एम. ए. बेबी ने कड़ी आपत्ति जताई है।
एम. ए. बेबी ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह बयान राहुल गांधी की राजनीतिक समझ की कमी को दर्शाता है। उन्हें याद रखना चाहिए कि 2004 में कांग्रेस सरकार CPI-M के समर्थन से बनी थी।” उन्होंने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि केरल में माकपा ने RSS के खिलाफ दशकों से निर्णायक लड़ाई लड़ी है, जबकि कांग्रेस का रिकॉर्ड इस मामले में कमजोर रहा है।
उन्होंने राहुल को सलाह दी कि “CPI-M के खिलाफ बोलते समय उन्हें इतिहास और वर्तमान राजनीतिक संदर्भ की गंभीरता को समझना चाहिए। केवल बयानबाजी से गठबंधन नहीं चलते।”
राहुल गांधी CPI-M RSS तुलना पर उठे विवाद ने INDIA गठबंधन में मौजूद वैचारिक मतभेदों और नेतृत्व के संकट को उजागर कर दिया है। खास बात यह है कि शनिवार को INDIA की अहम बैठक होनी है, जिसमें कांग्रेस और माकपा दोनों शामिल होंगे। ऐसे में यह बयान बैठक की एकजुटता और आपसी विश्वास को प्रभावित कर सकता है।
