नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन 2025 के मंच से केंद्र सरकार और चुनाव प्रणाली पर बड़ा हमला बोला। अपने संबोधन में उन्होंने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि जब वह कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, तो स्व. अरुण जेटली को उन्हें धमकाने भेजा गया था। राहुल ने कहा, “अगर तुम सरकार का विरोध जारी रखोगे तो हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी… लेकिन मैंने उन्हें देखा और कहा कि शायद आपको अंदाज़ा नहीं है कि आप किससे बात कर रहे हैं।”
हालांकि, राहुल गांधी के इस बयान पर अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह दावा न सिर्फ तथ्यहीन है, बल्कि समय के लिहाज से भी गलत है, क्योंकि अरुण जेटली का निधन 2019 में हो गया था, जबकि कृषि कानून 2020 में लाए गए थे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके पिता लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते थे और संवाद के जरिए राजनीति करते थे।
राहुल गांधी अरुण जेटली विवाद यहीं नहीं रुका। राहुल ने चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए 2024 लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए। उनका दावा था कि अगर 15 सीटों पर गड़बड़ी न हुई होती, तो पीएम मोदी आज प्रधानमंत्री नहीं होते। उन्होंने कहा, “हमारे पास ठोस सबूत हैं और जल्द ही यह ‘एटम बम’ फूटेगा जो चुनाव आयोग की साख खत्म कर देगा।”
उन्होंने यह भी दोहराया कि राफेल डील में पीएमओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दखल दिया था, जिसकी कोई जांच नहीं हुई। राहुल ने सम्मेलन में वकीलों को संविधान का रक्षक बताते हुए स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को ऐतिहासिक बताया।
