
नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है, कि देश का परंपरागत व्यापार धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है। इसके लिए उन्होंने बड़ी कंपनियों के एकाधिकार और जीएसटी व्यवस्था की जटिलताओं को जिम्मेदार बताया। राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापारियों के साथ हुई बातचीत का एक वीडियो साझा किया है। इस बातचीत में उन्होंने छोटे और मध्यम व्यापारियों की समस्याओं को सामने रखते हुए सरकार की आर्थिक नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि देशभर में छोटे व्यापार का अस्तित्व खतरे में है और यह स्थिति भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा संकेत है।

वीडियो में कई व्यापारी बताते हैं कि बढ़ते खर्च, सरकारी प्रक्रियाओं की जटिलता और टैक्स से जुड़ी परेशानियों ने कारोबार को मुश्किल बना दिया है। राहुल गांधी के मुताबिक, “हमारा व्यापार खत्म होने की ओर है” केवल बयान नहीं, बल्कि व्यापारिक वर्ग की वास्तविक पीड़ा है।उन्होंने कहा कि वैश्य समाज ने हमेशा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, रोजगार दिए और बाजारों को जिंदा रखा, लेकिन आज वही वर्ग खुद को दबाव में महसूस कर रहा है। राहुल गांधी के अनुसार यह स्थिति किसी सामान्य गलती का नतीजा नहीं, बल्कि नीतिगत कमियों का परिणाम है।

कांग्रेस नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा व्यवस्था में बड़े कॉरपोरेट घरानों को खुली छूट मिली है, जबकि छोटे व्यापारी नियमों, टैक्स और नौकरशाही से जूझ रहे हैं। इसका असर सीधे उत्पादन, रोजगार और अर्थव्यवस्था के भविष्य पर पड़ रहा है।उन्होंने इस परिस्थिति को “सामंतवादी सोच” का परिणाम बताते हुए कहा कि जब नीतियां कुछ चुनिंदा लोगों के हित में बनती हैं, तो आम व्यापारी सबसे ज्यादा नुकसान उठाता है। राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वह वैश्य समाज और छोटे व्यापारियों के साथ खड़े हैं और उनकी आवाज नीति-निर्माताओं तक पहुंचाने की लड़ाई जारी रखेंगे।
इस वीडियो के जरिए उन्होंने न केवल सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए, बल्कि व्यापारियों की समस्याओं को राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बनाने की कोशिश भी की है।
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