विशेष संवाददाता
दिल्ली/लखनऊ: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर उद्योगपति अडानी पर अपनी निगाहे तिरछी की है। इस सिलसिले में जल्द ही छत्तीसगढ़ का दौरा कर सकते है, इसमें उन इलाकों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकते है, जहाँ भूमि हस्तांतरण को लेकर ग्रामीणों-आदिवासियों और स्थानीय लोगों ने अडानी के कारोबार और फॉरेस्ट क्लीरेंस को लेकर आपत्ति जताई थी।

कांग्रेसी गलियारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में अडानी द्वारा संचालित विभिन्न प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय लोगों ने राहुल गांधी को वास्तु स्थिति से अवगत कराया है। लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के बाद राहुल गांधी ने अचानक जंतर-मंतर का रुख किया था। उन्होंने यहाँ कई प्रदर्शनकारियों और आंदोलनरत छात्रों से मेल-मुलाकात की। इसके बाद राहुल अपने ही अंदाज में नजर आये।

उन्होंने अडानी और संघ पर सीधा हमला किया। दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में राहुल गाँधी की लोकसभा की मौजूदा सदस्यता को लेकर अदालत के रुख का इंतज़ार किया जा रहा है। राहुल के दोहरी नागरिकता के प्रकरण से जुड़ी दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार भी तेज हो गई है। लखनऊ की अदालत के ताजा फैसले के बाद बीजेपी और कांग्रेसी गलियारों में गहमा-गहमी देखी जा रही है।

इधर राहुल गाँधी भी विपक्षियों को जवाब देने में जुटे है। नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संघ व उद्योगपति गौतम अदाणी पर ताजा हमला बोला है। सोमवार को राहुल ने अडानी के अलावा संघ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से संघ के हाथों में चली गई, तो भारत बर्बादी की ओर बढ़ जाएगा। राहुल ने आरोप लगाया कि संघ देश के भविष्य और शिक्षा प्रणाली को नष्ट करना चाहता है और अगर इसे नहीं रोका गया, तो लाखों युवाओं को नौकरियां नहीं मिलेंगी।

राहुल गांधी जंतर मंतर पर आयोजित एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुम्भ पर संसद में बोला, मैं वहां बोलना चाहता था कि महाकुम्भ पर बात करना अच्छी बात है, पर आपको भविष्य के बारे में भी बात करनी चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी कभी भी बेरोजगारी और महंगाई पर एक शब्द नहीं बोलते हैं।

राहुल बोले कि, भाजपा का मॉडल है- अदाणी को देश का धन और संघ को देश के सारे संस्थान सौंपना। ये देश के लिए खतरनाक है और हम इसके खिलाफ एक हैं और साथ मिलकर लड़ेंगे। उधर लखनऊ इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को केंद्र सरकार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए और समय दे दिया है।

राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र को जवाब पेश करने के लिए कहा गया है। दरअसल, याचिका के प्रतिवेदन में राहुल द्वारा ब्रिटिश नागरिकता को कथित तौर पर छिपाने को लेकर उनका 2024 का संसदीय चुनाव रद्द करने की मांग की गई है। अदालत ने इस मामले को 21 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस एके श्रीवास्तव की पीठ ने कर्नाटक भाजपा कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है।

फ़िलहाल, लोकसभा सत्र के बीच राहुल गाँधी का दोहरी नागरिकता का मुद्दा भी सदन के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि मामले को लेकर वरिष्ठ बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी सक्रिय है। गौरतलब है कि स्वामी ने ही सबसे पहले राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को लेकर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया था। हालांकि लखनऊ खंडपीठ के ताजा फैसले पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।