
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि भारत के चुनाव आयोग (ECI) के अंदर से कुछ लोग उनकी मदद कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मदद के जरिए देशभर में हो रही कथित ‘वोट चोरी’ का पर्दाफाश हो रहा है।
कर्नाटक का उदाहरण
राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां करीब 6,018 वोटों को गैरकानूनी तरीके से हटाने की कोशिश हुई। उन्होंने कहा कि यह धांधली तब पकड़ी गई, जब एक बूथ अधिकारी ने अपने चाचा का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने का पता लगाया। राहुल ने आरोप लगाया कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर असली मतदाताओं की पहचान चुराकर विपक्षी वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है।
पहले भी उठे थे आरोप
कांग्रेस नेता ने कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में भी मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोप लगाए थे। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया विशेष रूप से दलित, ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं को प्रभावित कर रही है। राहुल ने जोर देकर कहा कि उनके पास 100 प्रतिशत सबूत मौजूद हैं और वे बिना पुख्ता सबूत के कोई दावा नहीं कर रहे।
चुनाव आयोग का जवाब
राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस नेता को अपने दावों के समर्थन में शपथ पत्र और ठोस सबूत जमा करने होंगे। आयोग ने बिहार में चल रही विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया और विपक्ष के आरोपों पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की।