
बिहार विधान परिषद के मानसून सत्र का माहौल उस वक्त गरमा गया जब पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने सदन में आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव की हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने सीधे तौर पर जदयू और बीजेपी नेताओं पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर तेजस्वी को कुछ होता है, तो इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की होगी।
राबड़ी देवी के इस आरोप ने सदन में भूचाल ला दिया। पहले से ही विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तनाव बना हुआ था, लेकिन इस बयान के बाद बहस और तीखी हो गई। राबड़ी ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “ये लोग तेजस्वी को मारना चाहते हैं, और सत्ता पक्ष नाली के कीड़े जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहा है।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने विपक्षी विधायकों के काले कपड़े पहनने पर नाराजगी जताते हुए टिप्पणी की, “हाय-हाय नहीं, ये सब खाय-खाय है। अनाप-शनाप पहनकर आते हो।” इस पर राबड़ी देवी ने उन्हें जनता के बीच जाकर जवाब देने की चुनौती दे डाली।
पांचवें दिन का सत्र पूरी तरह से हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप से भरा रहा। गुरुवार को सदन में हुई गाली-गलौज और धक्का-मुक्की के बाद शुक्रवार को कुछ सत्ताधारी विधायक हेलमेट पहनकर सदन पहुंचे, यह कहते हुए कि उन्हें विपक्ष से खतरा है। वहीं SIR और मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे अहम मुद्दों पर सरकार बचती नजर आई।