छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की साख पर सवाल, पार्टी से खदेड़े जा सकते है पूर्व मुख्यमंत्री भूपे और लखमा, अनुशासनात्मक कार्यवाही के आसार, भ्रष्टाचार और घोटालों की लंबी फेहरिस्त के चलते आम कार्यकर्ताओं में मायूसी….

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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की ताजपोशी कांग्रेस पर भारी पड़ गई है। अब उनकी गिरफ्तारी के आसार नजर आने लगे है। खासतौर पर कांग्रेस राज के 5 सालों में पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अंजाम दिए गए एक से बढ़ कर एक घोटालों से राज्य में कांग्रेस की छवि और साख पर पलीता लगा चुकी है। मुख्यमंत्री के पद के दुरुपयोग से लेकर राजीव मितान क्लब की आढ़ में नई पार्टी के गठन को लेकर भूपे की क़वायतों से पार्टी के विभाजन का खतरा भी मंडरा रहा है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों और उनके क्रियाकलापों का ब्यौरा माँगा है। पार्टी आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री को कारण बताओं नोटिस जारी कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक जल्द ही बघेल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के आसार जाहिर किये जा रहे है। इसके लिए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से भी विचार-विमर्श के आसार है। बताया जा रहा है कि आज-कल में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सचिन पायलट आलाकमान को प्रदेश के ताजा राजनैतिक हालात से अवगत करा सकते है। सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि राहुल गांधी के वियतनाम दौरे से लौटने के बाद छत्तीसगढ़ के ताज़ा राजनैतिक संकट पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जबकि सांसद प्रियंका गांधी वडेरा भी पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अंजाम दिए गए अवैधानिक कार्यों को लेकर हैरत में बताई जा रही है। राष्ट्रीय स्तर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस के रुख पर पूर्व मुख्यमंत्री की गतिविधयां भारी पड़ने लगी है।

यह भी बताया जाता है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से प्रदेश के ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रम पर रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद बीती रात्रि प्रदेश प्रभारी ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के मंत्री-मंडल के कई सदस्यों के अलावा संगठन के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों से लंबी चर्चा की है।

राज्य के कई नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री के काले कारनामों को लेकर चिंता जताते हुए प्रदेश प्रभारी को अवगत कराते हुए अंदेशा जाहिर किया गया है कि बघेल के खिलाफ यदि फौरी कार्यवाही नहीं की गई तो आगामी नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी को एक बार फिर बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यही नहीं विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी की पराजय का ठीकरा भी वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री के सिर फोड़ा गया है। माना जा रहा है कि तत्कालीन भूपे सरकार की अवैधानिक गतिविधियों को लेकर मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कारण बताओं नोटिस जारी कर सकते है।

जानकारी के मुताबिक आलाकमान को अवगत कराया गया है कि राज्य में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों दोबारा सत्ता आते-आते खिसकने का मुख्य कारण पूर्व मुख्यमंत्री के एकतरफा फैसले और भ्रष्टाचार के कई काले कारनामों को बताया गया है। यह भी बताया गया है कि पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को कई सार्वजनिक मौकों पर उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है, जब उनके सामने भूपे राज के घोटालों की लंबी फेहरिस्त सामने आती है।

इसके चलते पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के अलावा प्रवक्ताओं और जमीनी नेताओं को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। आलाकमान को साफ किया गया है कि भूपे बघेल के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों में आम जनता के बीच सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटालों की गूंज ही सुनाई दे रही है। जबकि पार्टी घोषणा पत्र के वादों के साथ समझौता कर पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की साख पर बट्टा लगाया है।

छत्तीसगढ़ में ताज़ा राजनैतिक घटनाक्रम में पार्टी को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के रुख का इंतज़ार है। उनकी गिरफ्तारी की अटकले लगाई जा रही है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बघेल के अलावा लखमा पिता-पुत्र के भ्रष्टाचार के मामलों से पार्टी किनारा करने की तैयारी में है। इस बीच प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजित जोगी के पुत्र अमित जोगी की कांग्रेस प्रवेश को आज कल में हरी झंडी मिलने की संभावना भी जताई जा रही है।

इस कड़ी में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत से पूर्व विधायक और जोगी कांग्रेस के मुख्य कर्ता-धर्ता अमित जोगी और पूर्व विधायक रेनू जोगी की मुलाकात अहम बताई जा रही है। सूत्रों का दावा है कि प्रदेश बीजेपी इकाई को विश्वास में लेने के बाद अमित जोगी को इसी हफ्ते कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता मिल सकता है।

फ़िलहाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और घोटालो को लेकर कांग्रेस की कमजोर नब्ज़ बीजेपी के हाथों में थमती नजर आ रही है। प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की भूमिका दिनों-दिन सिमटते देख कांग्रेस आलाकमान भी सक्रीय हो गया है। राज्य में जमीनी नेताओं से उसका राय-मशवरा नए नेतृत्व के संकेत भी दे रहा है।