ट्रंप-भारत रिश्तों में बढ़ा तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल नवंबर में नई दिल्ली में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन 2025 में शामिल होने भारत नहीं आएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के महीनों में ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कई मुद्दों पर मतभेद गहराए हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण भारत-पाक तनाव, नोबेल पुरस्कार को लेकर विवाद और अमेरिकी टैरिफ नीतियां मानी जा रही हैं।
भारत-पाक विवाद और नोबेल का झगड़ा
मई 2025 में भारत-पाक सीमा पर हुए चार दिन के सैन्य तनाव के बाद दोनों नेताओं के रिश्तों में खटास आनी शुरू हुई। ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने इस संकट को खत्म कराने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, भारत ने उनके सभी दावों को खारिज कर दिया और साफ कहा कि तनाव मौजूदा सैन्य चैनलों के जरिए सुलझाया गया था।
जून में जी7 शिखर सम्मेलन से लौटते समय 35 मिनट की फोन कॉल में ट्रंप ने यह तक कहा कि पाकिस्तान उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित कर रहा है और मोदी से अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन भी मांगा। इस पर पीएम मोदी ने सख्त नाराजगी जताई और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को पूरी तरह नकार दिया।
टैरिफ विवाद से और बढ़ी खाई
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूस से तेल आयात जारी रखने के कारण 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लगा दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सिर्फ रूस को निशाना बनाने के लिए नहीं बल्कि भारत पर दबाव बनाने के लिए भी उठाया गया। इस टैरिफ ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को और गहरा कर दिया।
भारत की चुप्पी और क्वाड पर असर
ट्रंप की बातचीत की कोशिशों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यहां तक कि 17 जून को हुई फोन कॉल को व्हाइट हाउस ने भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया। भारत की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
फिलहाल भारत क्वाड सम्मेलन की मेजबानी की तैयारी में जुटा है, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेता शामिल होंगे। लेकिन ट्रंप के दौरे के रद्द होने से इस सम्मेलन के संदेश और स्वरूप पर बड़ा असर पड़ना तय माना जा रहा है।
