पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्राइवेट छात्राें काे छूट देने की उठी मांग ,एक लाख स्टूडेंट्स को देनी होगी परीक्षा, 28 फीसदी को ही मिल पाएगी छूट

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रायपुर / उच्च शिक्षा से जुड़े प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में फर्स्ट व सेकेंड ईयर की परीक्षा रद्द हो गई है, लेकिन इसका फायदा कम ही छात्रों को मिलने जा रहा है। राज्य की प्रमुख यूनिवर्सिटी रविवि में सिर्फ 28 प्रतिशत छात्रों को ही इसका लाभ मिलेगा। एक लाख छात्रों को परीक्षा देनी होगी। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, बस्तर विश्वविद्यालय, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की परीक्षा में करीब 5,79,893 परीक्षार्थी हैं। इसमें से करीब 1,71,639 छात्रों को परीक्षा से छूट मिलेगी। इस तरह से 70 प्रतिशत छात्रों को अभी भी परीक्षा देनी होगी।

विश्वविद्यालयों के परीक्षा के संबंध में राज्य शासन से जारी गाइडलाइन मुताबिक फर्स्ट ईयर व सेकेंड ईयर के रेगुलर छात्रों को परीक्षा से छूट दी गई है। इनका रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन, असाइनमेंट कार्य और पूर्व परीक्षा में मिले नंबरों के आधार तैयार किया जाएगा। प्राइवेट छात्रों को परीक्षा से छूट नहीं दी गई है। जबकि इन छात्रों की संख्या, रेगुलर छात्रों की तुलना में कहीं अधिक है। रविवि समेत अन्य विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं मार्च में शुरू हुई। कुछ पेपर भी हुए। कुछ दिनों के बाद कोरोना वायरस की वजह से परीक्षाएं स्थगित की गईं। सोमवार को जारी निर्देश के तहत शिक्षा सत्र 2019-20 में अब वार्षिक परीक्षा पद्धति में अंतिम वर्ष और सेमेस्टर परीक्षा पद्धति के अंतिम अंतिम सेमेस्टर व सभी कक्षाओं के स्वाध्यायी छात्रों को छोड़कर अन्य सभी परीक्षाएं आयोजित नहीं होगी।

रविवि में इस साल वार्षिक परीक्षा के लिए करीब 1.42 लाख छात्रों ने आवेदन किया था। इसमें से करीब 40 हजार छात्र ही छूट के दायरे में आएंगे। अन्य छात्रों को परीक्षा देनी होगी। शासन के इस निर्णय को लेकर छात्रों ने सवाल भी उठाए हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया गया। लेकिन इसमें सिर्फ रेगुलर को ही छूट क्यों दी गई। प्राइवेट छात्रों की संख्या अधिक है। बड़ी संख्या में छात्रों की परीक्षा आयोजित करना सही नहीं है। जिन छात्रों को परीक्षा से छूट दी गई है उनके सामने श्रेणी सुधार का भी विकल्प रहेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अगले साल परीक्षा की व्यवस्था करेंगे। इससे पहले मंगलवार को रविवि में आला अधिकारियों की बैठक हुई और उच्च शिक्षा से जारी नई गाइडलाइन पर चर्चा की गई।

प्राइवेट छात्राें के लिए बाद में परीक्षा होगी। उच्च शिक्षा विभाग से यह निर्णय आने के बाद अब इन छात्रों की परीक्षाएं भी रद्द करने की मांग उठी है। इस संबंध में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा, प्रदेश सचिव भावेश शुक्ला, अमित शर्मा, हनी बग्गा समेत अन्य ने उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से मुलाकात की। एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने बताया कि उच्च शिक्षा से जुड़े विश्वविद्यालयों के प्राइवेट छात्रों एवं तकनीकी विवि की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई है। इन्हें भी रेगुलर छात्रों की तरह परीक्षा से छूट देने की मांग की गई है। इसके साथ ही यदि अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित की जाती है तो उन्हें भी बोनस अंक दिया जाए। आने वाले दिनों में इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।