दुर्ग में प्रोफेसर पर कातिलाना हमले मामले में आरोपी प्रोबीर शर्मा फिर 6 दिन की पुलिस रिमांड पर, सुर्ख़ियों में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र-पुत्री…  

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भिलाई/दुर्ग। छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक प्रोफ़ेसर पर कातिलाना हमले में धरे गए एक आरोपी के बार-बार बदल रहे बयानों के चलते पुलिस की जांच असली मास्टरमाइंड तक पहुँचते नजर आ रहे है। एक ताजा घटनाक्रम में पुलिस ने भिलाई-3 इलाके में प्रोफेसर विनोद शर्मा पर जानलेवा हमले में शामिल उस आरोपी को धर दबोचा था, जिसके सीधे संबंध पूर्व मुख्यमंत्री के परिजनों के साथ थे। अब प्रोबीर शर्मा नामक इस शख्स से दूसरी बार पुलिस रिमांड में पूछताछ होगी। उसे अदालत के जरिये 6 दिनों की रिमांड पर लिया गया है। जबकि एक अन्य हमलावर आरोपी शिवम मिश्रा अब तक फरार है। 

सूत्र तस्दीक करते है कि विवेचना में बार-बार बयान बदलने और राजनैतिक दबाव-वश प्रभावशील पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र-पुत्री की अपराध में भूमिका को लेकर चुप्पी साध लेने से मामला अब भी उलझा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कातिलाना हमले के बाद आरोपी प्रबीर रायपुर में एक प्रभावशील अधिकारी के पास पहुंचा था।

इसके बाद वो मुंबई, गोवा और कई धार्मिक स्थलों पर फरारी काटते रहा। फिर आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में मौज-मस्ती के लिए पहुंचा था। यहां से प्रबीर और उसके दो दोस्तों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस आरोपी को शरण देने और फाइनेंस करने के प्रयासों के चलते इस प्रभावशील अधिकारी से भी पूछताछ का अंदेशा है।

दुर्ग पुलिस ने प्रोफ़ेसर के खिलाफ साजिश रचने और जानलेवा हमले की असलियत का पता लगाने के लिए एक बार फिर प्रोबीर शर्मा से पूछताछ का फैसला लिया है। गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र-पुत्री की संलिप्ता का भी पुलिस को अंदेशा है। लिहाजा पुलिस ने पूर्व में ही चैतन्य बघेल और दीप्ति बघेल से पूछताछ कर उनका मोबाइल जब्त किया था। यह भी बताया जाता है कि मोबाइल जब्ती के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी परिजनों की ओर से निजिता का अधिकार भंग होने के अंदेशे के चलते हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया था।

बताया जाता है कि इसके पहले भी आरोपी प्रोबीर से पुलिस ने रिमांड के दौरान पूछताछ की थी। लेकिन प्रोबीर बात-बात पर अपना बयान बदलते रहा, इससे ना केवल विवेचना में अवरोध पैदा हुआ बल्कि आरोपियों को सबूत नष्ट करने का भी भरपूर मौका मिला था। जानकारी के मुताबिक जानलेवा हमले की घटना के वक्त प्रोबीर मौके पर मौजूद था। पुलिस के सीसीटीवी कैमरे से उसकी तलाशी की थी। कई तकनीकी साक्ष्य भी उसके खिलाफ पुलिस को मिले हैं।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को अपराध से बचाने के लिए वह बदल-बदल कर बयान दे रहा है। जबकि घटना में शामिल शेष आरोपियों ने अपने बयानों में कहा है कि प्रोबीर के कहने पर ही उन्होंने प्रोफ़ेसर पर हमला किया था। इन आरोपियों ने कबूल किया है कि उनका प्रोफ़ेसर से कोई जातिय या आपसी वाद-विवाद नहीं था।

पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने प्रोबीर को ही प्रोफ़ेसर की सुपारी लेने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि हमले से पूर्व मुख्य आरोपियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के ठिकानों पर डेरा डाला था। फ़िलहाल, मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस जोर-शोर से जुटी हुई है।