प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों ओडिशा दौरे पर हैं और यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए ऐसा बयान दिया जिसने लोगों का ध्यान खींचा। उन्होंने हाल ही में कनाडा में हुए G7 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन्हें वॉशिंगटन आने का आमंत्रण दिया था।
पीएम मोदी ने कहा, “जब मैं कनाडा में था, तभी राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुझे फोन किया और आग्रहपूर्वक वॉशिंगटन आने व रात्रिभोज में शामिल होने का निमंत्रण दिया। लेकिन मैंने विनम्रता से यह निमंत्रण अस्वीकार कर दिया।”
मोदी ने इसका कारण बताते हुए कहा, “मेरे लिए महाप्रभु की इस धरती पर आना अधिक महत्वपूर्ण था। मैंने ट्रम्प से कहा, आपका निमंत्रण सर आंखों पर, लेकिन ओडिशा की मिट्टी और महाप्रभु के प्रति मेरी श्रद्धा मुझे यहां खींच लाई है।”
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने ओडिशा के विकास की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि दशकों तक ओडिशा भ्रष्टाचार, लालफीताशाही और कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी समस्याओं से जूझता रहा। गरीबों और किसानों को उनका हक नहीं मिल पाता था।
मोदी ने कहा, “डबल इंजन की सरकार ने इन समस्याओं पर ईमानदारी से काम किया है। केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय ने ओडिशा को नई विकास गति दी है।”
पीएम मोदी ओडिशा दौरा इस संदेश के साथ यादगार बन गया कि उनके लिए धर्म, जनता और विकास सर्वोपरि हैं — भले ही वह अमेरिका के राष्ट्रपति का निमंत्रण ही क्यों न हो।
